लोकसभा चुनाव से पहले PM ने कांग्रेस को दिखाया ‘आईना’, मोदी के भाषण के 5 संदेश जान लीजिए

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नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार करे राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रखते हुए जवाब दिया। एक तरह से मोदी सरकार के दूसरे टर्म में संसद के अंदर दिया गया यह उनका आखिरी भाषण था। इसमें न सिर्फ वह हमलावर दिखे बल्कि आगे का रोडमैप भी दिखाया। कुल मिलाकर डेढ़ घंटे से अधिक के भाषण में उन्होंने आम चुनाव के अजेंडे की झलक भी दिखा दी। उनके भाषण से निकले 5 संदेश :

1- कांग्रेस और गांधी परिवार पर अटैक
एक बार फिर पीएम ने अपना भाषण कांग्रेस पर हमला करने पर ही अधिक फोकस रखा। लोकसभा की तरह उन्होंने इसमें भी गांधी परिवार और उनकी विरासत पर हमला किया। उन्होंने नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक तीखे हमले किए। पीएम ने कांग्रेस के दूसरे नेताओं या प्रधानमंत्री पर हमला नहीं किया। यह उनकी राजनीति का हिस्सा रही है।

2- दलित-OBC-ट्राइबल पर फोकस
ऐसे समय जब राहुल गांधी OBC अजेंडा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड में हेमंत सोरेन ट्राइबल कार्ड खेल रहे हैं। खरगे के नेतृत्व में विपक्ष दलितों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है पीएम मोदी ने एक-एक कर उनसे जुड़े मसलों का विस्तार से जवाब दिया। आरक्षण, OBC पर कांग्रेस के पुराने स्टैंड सुनाए। साफ संदेश दिया कि चुनाव में वह कांग्रेस पर आक्रामक रूप से काउंटर करेंगे।

3-क्षेत्रीय दलों को इग्नोर किया
लोकसभा की तरह ही इस बार भी पीएम ने राज्यसभा में अपने हमले के रडार से क्षेत्रीय दलों को दूर रखा। उन पर न के बराबर हमले किए। शायद ही क्षेत्रीय दलों पर भी एक बार भी सवाल किया। पीएम मोदी की यह पुरानी शैली रही है। वह इस बार चुनाव को BJP बनाम कांग्रेस ही दिखा रहे हैं। जानकारों का मानना रहा है कि पीएम के लिए कांग्रेस पर हमला करना और उनसे सीधा मुकाबला क्षेत्रीय दलों के मुकाबले अधिक भाता रहा है।

4- रिपोर्ट कार्ड-आत्मविश्वास-मोदी की गारंटी
पीएम ने राज्यसभा में भी तीसरे टर्म में आने का आत्मविश्वास दिखाया। उन्होंने अपने तीसरे टर्म के लिए 3.0 नाम दिया। हालांकि, लोकसभा की तरह उन्होंने इस बार BJP के लिए 370 सीट जीतने का दावा नहीं किया, लेकिन कहीं न कहीं मोदी की गारंटी पर देश के भरोसे की बात कर संकेत दे दिया कि वे जीत के प्रति आश्वस्त हैं। PM पिछले कुछ दिनों में कई मौकों पर सार्वजनिक मंच से यही आत्मविश्वास दिखा चुके हैं।

5-उत्तर-दक्षिण विवाद पर गंभीर
पिछले कुछ दिनों से उत्तर बनाम दक्षिण का विवाद गहराता जा रहा है। दक्षिण के अधिकतर विपक्षी शासित राज्य अपने राज्य की उपेक्षा करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगा रहे हैं। इसे राजनीतिक अजेंडा बनाने की भी कोशिश की जा रही है। पीएम ने पहली बार इस मसले पर काफी विस्तार से बात की। उन्होंने इससे जुड़े तमाम मसलों पर लोगों के बीच अपना पक्ष रखने की कोशिश की। साफ संकेत है कि आम चुनाव में यह एक मुद्दा बन सकता है।