AI की मदद से सुलझाई 2000 साल पुरानी गुत्थी, लड़कों को मिला 5 करोड़ का इनाम

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दुनिया के इतिहास को जानने की कोशिश में पुरातत्व विभागों को कई ऐसी चीजें प्राप्त होती रही हैं जिन्हें समझने के लिए सालों से कोशिश की जा रही है. कई जगह जमीन की गहराई में ऐसी भाषा में हजारों साल पुराने टेक्स्ट मिले हैं कि उन्हें समझना लगभग नामुमकिन है. लेकिन हाल में ऐसे ही एक 2000 साल पुराने टेक्स्ट को डीकोड किया गया है.

79 ई. में माउंट वेसुवियस के विस्फोट में दफन होने के दौरान आंशिक रूप से संरक्षित किए गए एक रोमन स्क्रॉल को आर्टिफीशियल इंटैलिजेंस का उपयोग करके वस्तुतः खोल दिया गया है और डिकोड किया गया है.

संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड और मिस्र के तीन कॉलेज छात्रों ने आर्टिफीशियल इंटैलिजेंस के जरिए सुवियस विस्फोट के दौरान जले एक प्राचीन रोमन स्क्रॉल के हिस्से को डीकोड करके दिखाया है. यह मार्च 2023 में लॉन्च किए गए Vesuvius Challenge के हिस्से के रूप में किया गया था, जहां उस टीम को $700,000 (5.8 करोड़ रुपये) दिए जाने थे जो ज्वालामुखी विस्फोट की राख में खोई हुई प्राचीन लिपियों को डिकोड कर देगा.

विजेता टीम ने जिस स्क्रोल को डीकोड किया है वह 2000 साल पुराना है. इसके टेक्स्ट में म्यूजिक और खाने पर पर एपिकुरियन फिलोस्फी थी कि कैसे इन दो चीजों ने लोगों को खुशी दी. वेसुवियस चैलेंज जीतने वाली सबमिशन टीम के प्रमुख यूसुफ नादेर ने कहा “यह ऐतिहासिक पुरावशेषों के एक विशाल भंडार का प्रतिनिधित्व करता है कि यदि हम इन सभी प्राचीन चीजों को रिकवर कर सकें, तो यह प्राचीन इक्विटी से प्राप्त इतिहास की मात्रा को लगभग दोगुना कर देगा.’

प्राचीन रोमन स्क्रॉल नाजुक स्थिति में हैं, लेकिन यहीं पर एआई काम आता है. एआई प्रोग्राम को सतह और छिपी दोनों परतों पर स्याही को पढ़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

तीनों छात्रों ने टेक्स्ट के 15 से अधिक कॉलम को डिकोड किया, जो कि एक स्क्रॉल का लगभग 5% है. नादेर ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि टारगेट यह है कि अंततः हमारे पास ऐसे मॉडल हों जो किसी भी प्रकार के स्क्रॉल पर काम करते हों, भले ही वो किसी स्थिति में हों.” वेसुवियस चैलेंज इस साल एक नए भव्य पुरस्कार के साथ जारी है. इसमें AI का उपयोग करके बाकी स्क्रॉल पढ़ना है. जो स्क्रॉल केवल आंशिक रूप से डिकोड किया गया था वह सैकड़ों में से एक है.