डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू भी बरपा रहा कहर, इतनों की हुई मौत, तेजी से हो रहे लोग बीमार

0
90

भिलाई। सेक्टर-9 हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित 81 साल के एक बुजुर्ग की बुधवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वाइन फ्लू से मौत की खबर से लोग सकते में आ गए। क्योंकि इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। इसमें संक्रमित व्यक्ति जब छींकता भी है तो दूसरों को इसका वायरस प्रभावित कर सकता है।

अब तक हो चुकी है 2 मौत
भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में अब तक 3 मरीज स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं। इसमें से कुछ दिन पहले दल्लीराजहरा से आए एक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद बुधवार को भिलाई के एक बुजुर्ग मरीज ने दम तोड़ दिया। वहीं एक बालक भी संक्रमित मिला था। वह ठीक हुआ। उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।

दो की हुई मौत, एक ठीक होकर लौटा
बीएसपी के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सेक्टर-9 में इस वर्ष अब तक स्वाइन फ्लू के 3 केस आए हैं। इसमें से दल्ली राजहरा से आए एक बुजुर्ग की कुछ दिनों पहले ही मौत हो गई थी। बुधवार को एक बुजुर्ग (81 साल) ने दम तोड़ा। वहीं एक बालक भी दाखिल हुआ था। वह ठीक होकर घर लौट चुका है।

आप रहें सावधान
चिकित्सकों का कहना है कि स्वाइन फ्लू होने पर इलाज में देरी नहीं किया जाना चाहिए। फ्लू अधिक बढ़ जाता है, तब मृत्यु होने का खतरा रहता है। जो बुजुर्ग हैं, बीपी, शुगर हो या कमजोर हो, गर्भावस्था में हो, तब अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। इसमें पानी की कमी को दूर करने के लिए जूस, गरम सूप, पानी और तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसमें आराम और नींद पूरी लेनी चाहिए।

मास्क लगाने की सलाह
वर्तमान में वायरल फीवर व खांसी से शहर में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। ऐसे में इनमें से कौन एच-1 एन-1 से संक्रमित है, यह चिन्हित कर पाना संभव नहीं है। चिकित्सक इसी वजह से एहतियात के तौर पर मास्क लगाने व सफाई पर खास ध्यान देने की बात कह रहे हैं।

बुजुर्गों को करना पड़ता है भर्ती

स्वाइन फ्लू के मामले अधिकतर गंभीर नहीं होते हैं। इसमें अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत भी नहीं पड़ती। सिर्फ गले में खराश, खांसी जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसमें केवल कमजोर शरीर वाले और सीनियर सिटीजन को अस्पताल में दाखिल करना पड़ता है।

क्या है स्वाइन फ्लू
चिकित्सकों के मुताबिक यह वायरस के कारण होने वाला श्वसन रोग है। सूकरों के सांस लेने वाले तंत्र को संक्रमित करता है। आमतौर पर यह मौसमी फ्लू की तरह ही होता है। चेहरे से होकर, इसका वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित मरीज अगर किसी चीज को छूता है और बाद में उसको कोई दूसरा व्यक्ति छूता है।

इसके बाद हाथ को अपनी आंख, मुंह या नाक को छूता है, तब भी वह स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकता है। फ्लू हवा में है, इस वजह से इसका संक्रमण आसान हो गया है।
यह एहतियात जरूर बरतें। स्वाइन फ्लू अगर शहर में पैर पसार रहा है। तब लोगों को स्वच्छता पर खास ध्यान देना है। इसमें छींकते वक्त नाक को ढंकना, खांसते वक्त रूमाल का इस्तेमाल करना, स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए आंख, नाक, मुंह को छूने से बचना चाहिए।