मुझे कांग्रेस ऑफिस के कमरे में बंद कर दिया और…, राधिका खेड़ा का सनसनीखेज खुलासा

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. राधिका खेड़ा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. राधिका कांग्रेस की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर थीं. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद राधिका ने पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व के नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. राधिका ने कहा कि मैंने हमेशा से सुना कि कांग्रेस राम विरोधी है लेकिन कभी विश्वास नहीं किया पर मेरी आंखों से पर्दा तब हटा जब मैंने अपने परिवार के साथ अयोध्या से रामलला के दर्शन करके आई.

राधिका खेड़ा ने कहा कि अयोध्या से आते ही मैंने राम नाम का ध्वज अपने घर के बाहर लगाई. बस यही बात पार्टी को खटक गई. मुझे कई बार डिबेट्स पर बोलने से मना कर दिया कि मैं हिंदू धर्म पर ज्यादा बोलती हूं. मुझे लगातार अपमानित किया जा रहा था. छत्तीसगढ़ में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझे शराब ऑफर किया गया, रात में मुझे मेरे रूम में फोन करके बोला जाता था. इन सभी बातों को मैंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा. मदद मांगी लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. इस दौरान राधिका ने कई नाम गिनाए.

‘छत्तीसगढ़ कांग्रेस ऑफिस में मेरे साथ अभद्रता हुई’
राधिका ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जाने का विरोध मुझे इस कदर सहना पड़ेगा, मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था. मेरे साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ऑफिस में अभद्रता हुई. मेरे साथ धक्का मुक्की की गई. कमरे में बंद कर दिया गया लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं हुआ. मैं चीख चीखकर गुहार करती रही. छोटे से लेकर सबसे बड़े शीर्ष नेतृत्व तक गुहार करती रही लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. खेड़ा ने कहा कि मुझे सिर्फ और सिर्फ न्याय इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं राम मंदिर होकर आई थी. रामलला के दर्शन करके आई थी.

जब मुझे न्याय की जरूरत थी तो कांग्रेस पार्टी चुप थी
राधिका ने कहा कि जबसे मैं वहां से दर्शन करके आई हूं तब से मुझे विरोध का सामना करना पड़ा है. राधिका ने कहा कि इस पार्टी में मैंने 22 साल तक सेवा की है. NSUI से लेकर AICC, नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर और प्रवक्ता के नाते मैंने काम किए हैं. पूरी निष्ठा से मैंने काम किया है. मगर आज जब मुझे न्याय की जरूरत थी तो पार्टी चुप थी और मुझे कह दिया गया कि तुम चुप रहो और तुम्हे कोई न्याय नहीं मिलेगा. बड़े दुख के साथ मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है लेकिन मुझे पूरा उम्मीद है कि रामलला मुझे न्याय देंगे.

दीपक बैज ने कहा – AICC को रिपोर्ट भेजी है

राधिका के इस्तीफा के बाद सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, आरोप लगाना मेरी फितरत में नहीं है। जो सफाई देनी थी जो बात करनी थी वह मैंने पार्टी नेतृत्व के सामने रख दी है। वह मेरी छोटी बहन के जैसी है और रहेगी। जहां भी रहे मेरी शुभकामनाएं साथ हैं।

वहीं PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि, खड़गे जी को राधिका जी ने चिट्ठी लिखी है यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। राम मंदिर कोई भी जा सकता है देश का हर नागरिक जा सकता है। इसको किसी जाति धर्म मंदिर से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।