अनिल टुटेजा ने लिखा CM साय को पत्र, किए कई बड़े खुलासे, कहा- हमारे साथ न्याय नहीं हुआ

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रायपुर। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा ने शराब घोटाले में खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को 8 पन्ने का पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि शराब मामले में ED ने उनका पक्ष नही सुना है। पूरे मामले मे उनके साथ न्याय नही हुआ है। ED ने तथ्यों को देखे और जाने बिना उन्हें पूरे शराब मामले का मास्टर माइंड करार दिया है। यह भी न्याय के खिलाफ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि आबकारी विभाग किस तरह काम करता है, किसकी किस तरह की जिम्मेदारी होती है, इसका अफसर किस तरह से निर्वहन करते है।उन्होंने। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि आबकारी विभाग में उनकी क्या जिम्मेदारी थी और वे इसे किस तरह निभाते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि ACB-EOW ने इसी आधार पर उनके खिलाफ की जा रही जांच पर रोक लगायी है।

पेंशन तक रुक गयी, PF का पैसा नहीं मिला
अनिल टूटेजा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से निवेदन किया है कि अलग अलग मामलों की वज़ह से उनका पेंशन प्रकरण रुका हुआ है। PF के पैसे का भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे संबंधित अफसरों को इसका निराकरण जल्द करने का निर्देश दे, ताकि उन्हें पेंशन और PF का पैसा मिल सके।

व्हाट्स एप चैट में T … ?
अनिल टूटेजा ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि ED ने अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित के व्हाट्स चैट में एक जगह T शब्द के उल्लेख को आधार बनाया है। ED ने T से यह मतलब निकाला है की अनवर, नीतेश, पुरोहित को यह निर्देश दे रहा है की वह मुझे 14.41 करोड़ दे। जबकि हकीकत यह है की मैं किसी नीतेश पुरोहित को न तो जनता हू न ही कभी मुलाकात हुई है। कभी आमने सामने बातचीत भी नहीं हुई है। किसी भी तरह के पैसे के लेनदेन का तो सवाल ही नहीं उठता है। किसी भी दो व्यक्तियों के व्हाटसप चैट को आधार बनाकर करोड़ों रुपये लेने का मनगढ़ंत आरोप मुझ पर ED ने लगाया है।खुद नीतेश पुरोहित ने उल्लेख किया है की उन्हें 48 घंटे तक प्रताड़ित किया गया। जबरदस्ती दस्तखत कराये गये। यह भी कहा है की वे अनिल टूटेजा को नहीं जानते है।कभी उनसे मिले नहीं, उन्हें करोडों रुपये दिए जाने का आरोप भी झूठा है। ये सारी बातें कोर्ट में नीतेश पुरोहित ने लिखकर दी है।

पत्नी और बेटे को बेवजह कर रहे परेशान
अनिल टूटेजा ने मुख्यमंत्री को लिखा है की मेरी पत्नि और बेटे को ED बेवजह परेशान कर रही है। उन्हें समन जारी करके अनेक बार पूछताछ के लिये बुलाया गया। मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। मेरी पत्नी ने 27 साल पहले ब्यूटी पार्लर का बिजनेस शुरू किया, 2009 से मेरा पुत्र भी उसी व्यवसाय से जुड़ गया। कड़ी मेहनत करके रायपुर, बिलासपुर और भिलाई में उनके 5 पार्लर है। पूरे छत्तीसगढ़ में उनकी एक पहचान हैं। जीएसटी और इंकम टैक्स के रूप मे 2.5 से 3 करोड़ जमा कर रहे है। सरकारी विभाग में इसका रिकार्ड है। बड़े दुर्भाग्य की बात है की नीतेश पुरोहित के द्वारा 14.41 करोड़ रुपये दिए जाने के झूठे आरोप के आधार पर मेरे परिवार की 15 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी गयी।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ED के केस को रद्द करने के बाद अटैच सम्पत्तियों को छोड़ने का आदेश पारित किया गया है।