छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 2 नवंबर को नाम वापसी की आखिरी दिन है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के बागियों ने पर्चा भरा है। ऐसे में दोनों ही दल बागियों को मनाने में जुटे है। काफी मान-मनौवल के बाद कांग्रेस के कुछ प्रत्याशी मान गए हैं। प्रदेश में कांग्रेस के 7 बागी और भाजपा का एक बागी मैदान में डटा हुआ है। इनमें कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं।
2018 के चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत 2023 में उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। टिकट कटने के बाद प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां दावेदार रहे नेता निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं, तो किसी ने पार्टी ही बदल ली है। इनमें रायपुर उत्तर से लेकर कसडोल, मनेंद्रगढ़, लोरमी, रायगढ़, महासमुंद, गुंडरदेही जैसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सीटों पर अब त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
फिलहाल कांग्रेस के बागियों की संख्या बड़ी है। ऐसे में पार्टी अपने रूठे नेताओं को मनाने की कोशिश में जुटी है। कांग्रेस ने इस काम में अपने बड़े नेताओं को भी जिम्मेदारी दी है। इसके बाद मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल को डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह को सीएम भूपेश बघेल ने मना लिया है।
बागियों को मनाने झोंकी ताकत
बागियों को मनाने के लिए कांग्रेस ने अपनी ताकत झोंक दी है। मान-मनौवल का दौर जारी है। पार्टी की कोशिश है कि जिन नेताओं में अब तक नाराजगी है दल नहीं बदला है उनसे बातचीत कर के पार्टी में उन्हें बनाया रखा जाए। चुनाव से पहले किसी तरह से कार्यकर्ता टूटे न इसकी पूरी कोशिश जा रही है।
- रायपुर उत्तर : कांग्रेस पार्षद और एमआईसी सदस्य अजीत कुकरेजा रायपुर उत्तर से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा पर ही फिर से भरोसा जताया। टिकट नहीं मिलने पर कुकरेजा निर्दलीय ही मैदान में उतर पड़े। फिलहाल उन्हें मनाने का दौर जारी है।
- लोरमी : भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को यहां से प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने भी पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को टिकट दिया है। जबकि, यहां सागर सिंह बैस भी टिकट के लिए संघर्ष कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए उन्होंने जेसीसीजे से नामांकन किया है।अंतागढ़: विधायक अनूप नाग के बगावत करने और नामांकन फार्म लेने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि उन्हें मना लिया जाएगा। हालांकि ऐसा हो नहीं सका और अनूप नाग निर्दलीय मैदान में हैं। उन्होंने अपनी नामांकन रैली के दौरान शक्ति प्रदर्शन कर कांग्रेस को ताकत का भी एहसास कराया था।
पद का प्रस्ताव
नाम वापसी का आज अंतिम दिन है ऐसे में रूठे को मनाने के लिए पार्टियों के बड़े नेता बागियों से संपर्क साधने में जुटे हैं। पार्टी से अलग होकर चुनौती देने वाले बागियों को पदों का प्रस्ताव दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार बनने के बाद इन्हें निगम व अन्य मंडलों में बड़े पद दिए जाएंगे।
इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
रायपुर उत्तर, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, जांजगीर, सरायपाली, गुंडरदेही, पंडरिया, कवर्धा, महासमुंद, रायगढ़, मुंगेली, खल्लारी, चंद्रपुर, कोटा, लोरमी, जैजपुर आदि।