बिलासपुर। सरकंडा थाने में प्रधान आरक्षक की लाश फांसी के फंदे पर लटकी मिली है। घटना की सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम कराया है। पुलिस ने स्वजन से घटना के संबंध में जानकारी ली है। पुलिस की प्राथमिक जांच में आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है।
सरकंडा के मोपका में रहने वाले लखन मेश्राम(53) प्रधान आरक्षक थे। उनकी पोस्टिंग सरकंडा थाने में थी। गुरुवार की शाम ड्यूटी के बाद वे घर गए। रात करीब 11 बजे वे घर से निकले थे। इसके बाद वे घर नहीं गए। स्वजन ने इसकी जानकारी सरकंडा थाने में दी। इस पर पुलिस की पेट्रोलिंग टीम उनकी तलाश कर रही थी। इधर स्वजन भी उनकी तलाश में लगे थे। इसी बीच किसी ने उनकी लाश घर के पास ही पेड़ पर लटकते देखकर सूचना दी। इस पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम कराया है।
बताया जाता है कि प्रधान आरक्षक लखन मेश्राम सरकंडा थाने में मालखाना की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इंटरनेट मीडिया पर आरोप लगाया जा रहा है कि थाने में पदस्थ अधिकारी उन पर मालखाने में जब्त सामान को न्यायालय में पेश करने का दबाव बना रहे थे। गुरुवार की शाम इसी बात को लेकर अधिकारी ने उन्हें फटकार लगाई थी। इस पर उन्होंने कम समय में मालखाने से सामान निकालकर न्यायालय में पेश कर पाने में असमर्थता जताई थी।
सरकंडा थाना प्रभारी व प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहुजा ने बताया कि प्रधान आरक्षक लखन मेश्राम जिले के अलग-अलग थानों में पदस्थ रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रधान आरक्षक बेहद सरल व्यक्ति थे। पुलिस की ड्यूटी के दौरान भी वे लोगों से सहजता से पेश आते थे। घटना की जानकारी मिलते ही थाने में पदस्थ जवानों और अधिकारियों को सहसा यकीन नहीं हो पाया। उन्होंने स्वजन से पूछताछ कर घटना के कारणों की जांच की बात कही है।