रायपुर के इस डॉक्टर ने बचाई जब राम जी की जान, ऑपरेशन थिएटर में गूंजा जय श्री राम

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रायपुर के एक शख्स की लीवर में गंभीर बीमारी थी। डॉक्टर ललित निहाल और उनकी टीम ने उस शख्स को न सिर्फ बचाया बल्कि लीवर का सफल ट्रांसप्लांट किया। ऐसी सर्जरी जो बेहद मुश्किल है उसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया और मरीज को नई जिंदगी मिली।

भगवान और डॉ ललित के इस मरीज के बीच गहरा नाता है। जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में उनकी कहानी

राम कुमार पांडे जी एक फैक्टरी में काम करते थे। अचानक एक दिन वे कमजोरी महसूस कर रहे थे। भूख भी कम लगती थी। ज़्यादा देर खड़े होने पर पैरों में सूजन आने लगी थी। घर पर ही कुछ विटामिन की गोलियो रखी थी उन्हें खाते रहे, लेकिन कमजोरी बढ़‌ती रही अब सूजन पैरों के साथ पेट एवं शरीर क दूसरे हिस्सों पर भी आने लगी । किसी ने कहा ब्लड प्रेशर के कारण हो सकता है और उन्हें BP की दवा शुरू कर दी।
कुछ दिनों में पेशाब एवं आँखों में पीलापन आने लगा तो पीलीया वाले बाबा के पास झाड़-फूंक भी करा ली लेकिन पीलीया बढ़ता ही जा रहा था। एक दिन रात खाने के बाद उन्हें उल्टी होने लगी जिसका रंग गहरा भूरा था, और उल्टी होने के कुछ घंटों बाद वो बेहोशी (Coma) की हालत में अस्पताल के Emergency room में भर्ती हुए। जाँच करने से पता चला कि इन्हें सिरोसिस ऑफ लिवर है।

परिवार के लोग परेशान हुए मगर डॉ ललित ने उन्हें हौसला दिया और भरोसा भी दिलाया कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। परिवार के लोग इस बात से परेशान थे कि पांडे जी ने आज तक ना कभी शराब पी न ही किसी तरह नशा किया है। वो शुद्ध शाकाहारी थे उनका लिवर कैसे खराब हो सकता है। कुछ साल पहले मधुमेह के लिए दवा शुरू की गयी थी और सोनोग्राफी में फैटी लिवर बताया गया था। लेकिन फैटी लीवर तो इस उम्र में सब को होता है, यह बोलकर उसे भुला दिया गया ।  मगर डायबिटीज और फैटी लिवर की परेशानी बढ़ सकती है और यही हुआ।

मरीज को ICU में भर्ती किया गया और उन्हें वेंटिलेटर  पर कई हफ्तों तक रखा गया। मरीज की चारों बेटियों ने उनकी सेवा की। डॉ ललित उन्हें गाइड करते रहे, लेकिन लीवर ट्रांसप्लांट की जरुरत पड़ी।

एक शख्स ने बचाई आठ जानें
जब मरीज की लिवर का इलाज चल रहा था, उसी दौरान उनके ब्लड ग्रुप का 26 साल का नौजवान ब्रेन डेड हालत में अस्पताल में एडमिट हुआ। उसके परिवार ने अंगदान की इच्छा व्यक्त की । उसके लिवर, दोनो गुर्दे , दोनो फेफड़े आंखे एवं हृदय का प्रत्यारोपण किया गया।  इस तरह आठ लोगों को नया जीवन मिला । इन आठ लोगों में मरीज राम पांडे भी शामिल थे।

नया लिवर मिलने के बाद राम पांडे के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। पांडे जी ने डॉ ललित को बतया जब मैं बीमार था, अस्पताल में मेरा इलाज चल रहा था तब मैं भगवान राम से क्षमायाचना करता था। मरीज ने कहा कि मैंने सभी जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद राम भजन करने की सोची, मगर मुझे डॉ ललित से नया जीवन मिला तो अब मैं जितना भी समय बचा है राम भक्ति में बिताउंगा। उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुए 3 वर्ष हो चुक हैं और वो बिल्कुल स्वस्थ्य हैं।