मणिपुर में फंसे हो सकते हैं छत्तीसगढ़ के लोग, देखते ही गोली मारने का जारी हुआ है आदेश, जानिए वजह

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पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. मणिपुर में भड़की हिंसा की आग पर काबू पाने के लिए सरकार ने इंटरनेट बैन करने के साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे. सूबे में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियां तैनात की गई हैं. सूबे में हिंसा पर थोड़ी लगाम लगी तो इस आग से हुए नुकसान की खबरें भी आने लगी हैं.

मणिपुर हिंसा में हत्या की बर्बर घटनाएं भी सामने आ रही हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कोबरा कमांडो और इंफाल में तैनात आयकर विभाग के एक अधिकारी की भी जान चली गई है. मणिपुर की राजधानी इंफाल में उपद्रवी भीड़ ने आयकर विभाग में तैनात भारतीय राजस्व सेवा के एक अधिकारी की घर से बाहर खींचकर हत्या कर दी.सूत्रों के हवाले से सामने आ रही जानकारी के मुताबिक मणिपुर में छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों के भी फंसे होने की खबर है।

इंडियन रेवेन्यू सर्विस एसोसिएशन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. एसोसिएशन के मुताबिक मिनथांग हाओकिप इंफाल में टैक्स असिस्टेंट के पद पर तैनात थे. मिनथांग की हत्या की एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की है. एसोसिएशन ने मिनथांग के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि हत्या को कोई भी कारण या विचारधारा सही नहीं ठहरा सकती.

वहीं, सूबे के चुराचंदपुर जिले में सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की हत्या किए जाने की भी घटना सामने आई है. चुराचंदपुर जिले के निवासी चोंखोलेन हाओकिप सीआरपीएफ की डेल्टा कंपनी की 204 कोबरा बटालियन में तैनात थे. कोबरा कमांडो हाओकिप अभी कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर अपने गांव आए हुए थे.

बताया जाता है कि मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद उपद्रवियों की भीड़ हाओकिप के गांव में घुस गई और मारकाट शुरू कर दी. उपद्रवियों ने सीआरपीएफ की डेल्टा कंपनी की कोबरा बटालियन में तैनात चोंखोलेन हाओकिप की भी हत्या कर दी. सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो मिनथांग हाओकिप की हत्या को लेकर अधिक जानकारी सामने नहीं आई है.

गौरतलब है कि मणिपुर में भड़की हिंसा के कारण लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. मणिपुर के सुरक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने पीटीआई को जानकारी दी है कि सूबे में हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. प्रवक्ता के मुताबिक अब तक 13 हजार से अधिक लोगों को हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है.