नई दिल्ली. भारत में सेल की जाने वाली वाली सभी कारों और एसयूवी को 1 अक्टूबर, 2023 से मानक के रूप में 6 एयरबैग उपलब्ध कराना मेडेटरी होगा. इससे पहले, 1 जनवरी, 2022 को या उसके बाद बेचे जाने वाले सभी वाहनों के लिए डुअल फ्रंट एयरबैग अनिवार्य कर दिया गया था. भारत रोड एक्सिडेंट्स के मामले में दुनिया भर में जाना जाता है. यही कारण है कि सरकार ज्यादा सुरक्षित कारों पर जोर दे रही है.
6 एयरबैग को मानक बनाने के नए नियमों से कारों और एसयूवी की कीमत भी बढ़ जाएगी. निर्माताओं के लिए 6 एयरबैग सिस्टम को लागू करने की कुल लागत 12,500-15,000 रुपये के बीच होने का अनुमान है. हालांकि, सरकारी टैक्स के कारण जब तक वाहन किसी ग्राहक के घर तक पहुँचता है, तब तक यह लागत दोगुनी या तिगुनी हो सकती है.
हुंडई ग्रैंड i10 निओस
वर्तमान में 6 एयरबैग के साथ बाजार में सबसे सस्ती कार Hyundai Grand i10 Nios Asta की टॉप-स्पेक है. लाइन-अप में अन्य सभी वेरिएंट चार एयरबैग – ड्राइवर, यात्री और साइड – मानक के रूप में पेश किए जाते हैं. Grand i10 Nios एक 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन से पावर्ड है जो 83hp और 114Nm का टार्क पैदा करता है और यह 5-स्पीड मैनुअल या AMT गियरबॉक्स के साथ आता है. फेसलिफ्ट में नए सेफ्टी फीचर्स मिलने के साथ, Grand i10 Nios एक फैमिली हैचबैक बनी हुई है जो शहरो में काफी पॉपुलर है.
मारुति सुजुकी बलेनो
इसके बाद मारुति सुजुकी बलेनो एक बढ़िया ऑप्शन है जिसे जेटा और अल्फा ट्रिम्स पर मानक के रूप में छह एयरबैग मिलते हैं. बाकी सभी ट्रिम्स में सिर्फ दो एयरबैग्स मिलते हैं- ड्राइवर और पैसेंजर. बलेनो भी इस सूची में कुछ मॉडलों में से एक है जिसमें सीएनजी पावरट्रेन के साथ 6 एयरबैग मिलते हैं, हालांकि यह केवल ज़ेटा ट्रिम में है. हुड के तहत, बलेनो को 1.2-लीटर इंजन मिलता है जो पेट्रोल मोड में 90hp और 113Nm और CNG मोड में 77.5hp और 98.5Nm विकसित करता है. दोनों को 5-स्पीड मैनुअल से जोड़ा गया है, लेकिन पेट्रोल वर्जन में 5-स्पीड एएमटी भी मिलता है.