‘द केरल स्टोरी’ की रिलीज से पहले हाई अलर्ट, बवाल की आशंका के चलते लिया फैसला

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सुदीप्तो सेन की फिल्म द केरल स्टोरी रिलीज से पहले ही विवादों में छाई हुई है। कई राजनीतिक पार्टियां इस फिल्म का विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इस फिल्म के ट्रेलर में दावा किया है कि केरल से गायब हुईं 32000 लड़कियों का धर्मांतरण किया गया है और उनको सीरिया भेजकर आतंकी गतिविधियों में शामिल किया गया था। इस फिल्म के ट्रेलर में ऐसे कई दृश्य हैं जो झकझोर कर रख देते हैं। इस फिल्म को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अब फिल्म की रिलीज से पहले तमिलनाडु में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

खबरों के अनुसार कन्ट्रोवर्शियल फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज से एक दिन पहले तमिलनाडु हाई अलर्ट पर है। ऐसी खबरें हैं कि फिल्म की रिलीज के वक्त कुछ ग्रुप विरोध प्रदर्शन कर सकता है, जिसके मैसेज खुफिया शाखा ने सोशल मीडिया पर देखे हैं। इसको मद्देनजर रखते हुए अलर्ट जारी किया है। कुछ इस्लामिक समूहों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कुछ जिलों में पुलिस से भी संपर्क किया है, लेकिन सरकार इस पर रोक नहीं लगा रही है। यहां तक कि केरल ने भी इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।

यही वजह है कि अधिकारियों ने सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। वहीं संगठन ने इस फिल्म पर रोक लगवाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में अनुभवी जज हैं और उन्हें स्थानीय हालात पता हैं। हम सुपर (अनुच्छेद) 226 अदालत क्यों बनें? कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह हाईकोर्ट जाएं, वह उनकी याचिकाओं के जल्द निस्तारण के अनुरोध पर विचार कर सकती है।

वहीं इस फिल्म को लेकर शशि थरूर भी जमकर भड़के हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये फिल्म राज्य की गलत तस्वीर पेश कर रही है। शशि थरूर ने इसको लेकर कई ट्वीट्स भी किए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पेनाराई विजयन ने भी इस फिल्म की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह फिल्म धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए केंद्र सरकार का एजेंडा है। वहीं इसके उलट भाजपा इस फिल्म का समर्थन कर रही है।

बता दें कि ‘द केरल स्टोरी’ कल यानी 5 मई को रिलीज होने वाली है। फिल्म का ट्रेलर आते ही इस पर विवाद शुरू हो गया था। इसमें केरल के बारे में ऐसा कुछ दिखाया गया है, जिसे एक पक्ष पूरी तरह से झूठ और मुसलमानों के खिलाफ प्रोपेगेंडा बता रहा है। वहीं, फिल्म बनाने वाले इसे सच्चाई पर आधारित बता रहे हैं।