छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्यों बैठ गए सड़कों पर, आखिर क्यों मचा है राज्य में बवाल, जानें एक क्लिक पर

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रायपुर । आरक्षण घटाए जाने के विरोध में आदिवासी समाज मंगलवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन कर रहा है। बालोद और कबीरधाम जिले में भी आदिवासियों ने सड़क और रेल मार्ग को जाम कर दिया है। इससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं आदिवासी समाज के लोग प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।

32 फीसदी में से 12 फीसदी आरक्षण घटा देने के कारण समाज में आक्रोश है। आदिवासी समाज के लोगों ने बालोद जिले के दल्लीराजहरा-राजनांदगांव मुख्य मार्ग मानपुर चौक को भी जाम कर दिया है, जिससे यातायात ठप हो गया है। उन्होंने रेल मार्ग को भी जाम कर दिया है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गई है। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

एक दिवसीय आंदोलन।
एक दिवसीय आंदोलन।

प्रदर्शनकारी तुलसी मरकाम और तुकाराम कोर्राम ने बताया कि, आरक्षण घटाने के बाद अब केवल 20 फीसदी आरक्षण आदिवासी समाज को मिल रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने बताया कि बालोद, दुर्ग, भिलाई, रायपुर सहित बस्तर अंचल को रेल मार्ग से जोड़ने वाले प्रमुख रेल मार्गों को भी आज जाम कर दिया गया है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा। आदिवासी समाज के लोग पटरी पर बैठे हुए हैं और वहां अपने समाज का झंडा लहरा दिया है।

पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी

आदिवासी समाज इस आंदोलन के दौरान पारंपरिक वेशभूषा में नजर आ रहा है। एक आंदोलनकारी तिल्का उइके ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के साथ अन्याय किया है, जिसका विरोध वे कर रहे हैं।

रायपुर में भी चक्काजाम।
रायपुर में भी चक्काजाम।

रायपुर में भी चक्काजाम

रायपुर में भी सर्व आदिवासी समाज ने आर्थिक नाकेबंदी की। उनकी मांग है कि सरकार और कोर्ट तत्काल आदिवासी आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 32 प्रतिशत करे। आदिवासी समाज ने रायपुर-धमतरी हाईवे पर लालपुर एमएमआई हॉस्पिटल के पास विरोध-प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने बीच सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि सरकार में कई आदिवासी नेता हैं, लेकिन उनके लिए किसी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

कवर्धा में भी आदिवासियों ने किया चक्काजाम

कवर्धा में भी आदिवासी समाज के आंदोलन को देखते हुए शहर के आसपास करीब 5 किलोमीटर के दायरे में वाहनों को रोक दिया गया है। कवर्धा से जबलपुर नेशनल हाईवे पर ग्राम जोराताल और सिंघनपुरी में वाहनों को रोका गया है। कवर्धा से रायपुर हाईवे पर ग्राम मगरदा में भी बड़े वाहनों को रोका गया है। कवर्धा सिटी के भीतर केवल मोटरसाइकिल और यात्री बसों को ही ग्राम सिंघनपुरी से भोरमदेव रोड होते हुए प्रवेश दिया जा रहा है। इसी तरह रायपुर से कवर्धा आने वाली बाइक व यात्री बस को राजनांदगांव बाईपास होते हुए प्रवेश दे रहे हैं।

मरवाही विधायक केके ध्रुव भी आदिवासियों के प्रदर्शन में शामिल।
मरवाही विधायक केके ध्रुव भी आदिवासियों के प्रदर्शन में शामिल।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी आदिवासियों का प्रदर्शन

पेंड्रा में भी 32% आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जुटा है। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के सीमवर्ती रोड पर वे लामबंद हुए हैं। आर्थिक आरक्षण को लेकर उन्होंने यहां नाकेबंदी कर दी है। प्रदर्शन के कारण यहां यातायात बाधित हो गया है। मरवाही विधायक डॉक्टर केके ध्रुव, अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते सहित कई आदिवासी नेता भी आदिवासियों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। वहीं बिलासपुर-अमरकंटक मार्ग पर कारीआम में भी विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। मालवाहक गाड़ियों को धरनास्थल से काफी दूर रोक लिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि शाम के बाद चक्काजाम खत्म हो जाएगा।

आरक्षण बचाओ आंदोलन।
आरक्षण बचाओ आंदोलन।

जांजगीर-चांपा में भी लामबंद हुए आदिवासी

जांजगीर-चांपा जिले के अमरताल गांव में भी रायपुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे-49 पर आदिवासियों ने चक्काजाम कर दिया है। जिला स्तरीय सर्व आदिवासी समाज ने अमरताल हनुमान मंदिर नहर के पास विशाल जनसभा भी आयोजित की। इसके बाद उन्होंने विशाल रैली निकालकर अपनी मांगें रखीं। उनकी मांग है कि उनका आरक्षण फिर से 32 फीसदी किया जाए। उनकी मांग है कि बस्तर और सरगुजा में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की भर्ती 100 प्रतिशत स्थानीय लोगों से ही की जाए। इसके अलावा केंद्र के द्वारा वन अधिकार संरक्षण अधिनियम 2022 को लागू नहीं किया जाए। हसदेव अरण्य क्षेत्र में आदिवासी एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कोल खनन बंद की जाए। ग्राम सभा का अधिकार कम नहीं किए जाने की बात भी उन्होंने की।

जांजगीर में भी विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी समाज का चक्काजाम।
जांजगीर में भी विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी समाज का चक्काजाम।

अपनी मांगों को लेकर हजारों की संख्या में आदिवासी समाज की महिला-पुरुषों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया है। जिससे सड़क के दोनों और भरी वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। चक्काजाम के कारण बिलासपुर से अकलतरा होते हुए जिला मुख्यालय जांजगीर मार्ग बाधित है।

कोरबा में भी विरोध-प्रदर्शन।
कोरबा में भी विरोध-प्रदर्शन।

कोरबा में भी आंदोलन

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने 32 प्रतिशत आरक्षण यथावत रखने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह 10 बजे से उरगा चौक पर चक्काजाम कर दिया है। इससे कोरबा-चांपा मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। चक्काजाम शाम तक चलेगा। चक्काजाम के मद्देनजर उरगा टीआई निरीक्षक सनत सोनवानी के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर मौजूद है।