रायपुर । छत्तीसगढ़ में जारी कर्मचरियों की हड़ताल को स्थगित किया गया है। ये आंदोलन महंगाई और किराया भत्ता पर था। बीच में ही आंदोलन खत्म करने की वजह से अब सरगुजा, कवर्धा जैसी जगहों पर विरोध हो रहा है। कर्मचारी नेता कमल वर्मा को गद्दार और धोखेबाज कहा जा रहा है।
कर्मचारी नेता और शिक्षक एलबी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने आंदोलन के अचानक खत्म होने पर कहा- फेडरेशन के टॉप लीडर कमल वर्मा सहित उनके कोर कमेटी के सदस्यों के द्वारा राज्य के साढ़े चार लाख कर्मचारियों- अधिकारियों के साथ जबरदस्त धोखा किया गया है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसो. के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा- 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता और किराया भत्ता देने की मांग तहत पिछले महीने 5 दिनाें का आंदोलन हुआ था तब सरकार ने 6 प्रतिशत भत्ता जारी किया था। हड़ताल शुरू होने का दिन और आज का दिन, कर्मचारी वही खड़े है, जहाँ वे थे, अभी ही तो संघर्ष शुरू हुआ था, चुनौती तो अभी शुरू हुआ था और फेडरेशन लौट आया, कर्मचारियों का इतना मजबूत गठजोड़ भरभरा कर गिर गया। खाली समय मे नेतृत्व व कर्मचारियों को चिंतन करना होगा कि इस बड़े हड़ताल की सफलता क्या है और हमने इस हड़ताल में क्या खोया, क्या पाया, केवल जनता को परेशानी हुई।
इस पर कमल वर्मा ने ये कहा-
कमल वर्मा ने कहा- जिस तरह से मुख्यमंत्री की अपील आई कि आम लोगांे को परेशानी, स्कूल में पढ़ाई प्रभावित होने की बातों देखकर लौट आइए । इस अपील को स्वीकार करते हुए कोर कमिटी का फैसला है कि हम इस आंदोलन को स्थगित करते हैं । चूंकि हमारे और सरकार के बीच समझौता हुआ, अब इसपर क्रियान्वयन होना है यदि सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती तो आगे भी आंदोलन का रास्ता खुला रहेगा। सरकार ने भत्ते को लेकर दिए हमारे सुझाव स्वीकार किए हैं।