मौत के 12 घंटे बाद हुआ चमत्कार! ताबूत में बंद बच्ची अचानक उठकर मां को पुकारने लगी

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नई दिल्ली : “बाबूमोशाय , ज़िंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है…उसे न आप बदल सकते हैं न मैं!”…आनंद फिल्म का ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। आपने कई ऐसी घटनाए पढी होंगी कि कोई शख्स मौत के कुछ घंटों बाद फिर से जी उठा। एक ऐसा ही वाकया मेक्सिसो में सामने आया है। जहां एक तीन साल की बच्ची मौत के 12 घंटों के बाद ताबूत में से उठ बैठी। जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।

बच्ची को मरा समझ कर दिया ताबूत में बंद

मेक्सिको में रहने वाली तीन साल की कैमिलिया रोक्साना के पेट में इन्फेक्शन हो गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मृत घोषित किए जाने के बारह घंटे बाद बच्ची जिंदा हो गई। यह घटना समय हुई जब कैमिलिया का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। लड़की की मां को उसकी आंखों में हरकत दिखी,जब उनसे लोगों से कहा तो वह सदम समझकर उसे अनसुना कर दिए। लेकिन कुछ देर बात बच्ची ताबूत में रोने लगी, तो सभी दंग रह गए।

पहले मारा घोषित किया फिर….

मेक्सिको की कैमिला रोक्साना मार्टिनेज मेंडोज़ा को 12 घंटे पहले बुधवार 17 अगस्त को मृत घोषित कर दिया गया था। दरअसल डॉक्टर ने उसका गलत इलाज किया था। जिसके चलते वह अचेत अवस्था में चली गई। जिसे डॉक्टर ने मरा घोषित कर दिया। यह घटना मध्य मेक्सिको के सैन लुइस पोटोसी राज्य के सेलिनास डी हिल्डाल्गो सामुदायिक अस्पताल में हुई।

इस रोग से पीड़ित थी मासूम

कैमिला की मां मैरी जेन मेंडोज़ा ने बताया कि उनकी तीन साल की बच्ची को उल्टी हो रही थी और बुखार के साथ-साथ पेट में दर्द भी हो रहा था। वह अपनी बच्ची को विला डी रामोस में एक बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले गए थे। बाल रोग विशेषज्ञ ने कैमिला के माता-पिता से कहा कि वह उसे सामुदायिक अस्पताल ले जाए। सामुदायिक अस्पताल में बच्ची का डिहाईड्रेशन और बुखार का इलाज किया गया था। जिसके बाद डॉक्टर ने माता-पिता को दवाई देकर बच्ची को घर ले जाने के लिए कह दिया।

बच्ची के इलाज में हुई लापरवाही

कुछ घंटो के बाद जब कैमिला के माता-पिता ने देखा कि उसकी हालत और खराब हो गई है। वे उसे वापस अस्पताल ले गए जहां इलाज के कुछ घंटों बाद मरा घोषित कर दिया गया। बच्ची की मां ने बताया कि, वे उसे आईवी ड्रिप के लिए लाए थे, लेकिन अस्पताल में बच्ची को ऑक्सीजन मिलने में काफी समय लग गया। जब इलाज शुरू हुआ तो बच्ची से मुझे अलग कर दिया गया। फिर कुछ देर बात मुझे बताया कि,बच्ची नहीं रही।

दादी को बच्ची की आंखे हिलती दिखी

अगले दिन अपनी बेटी के अंतिम संस्कार के दौरान बच्ची की मां ने देखा कि कैमिला के ताबूत में एक कांच के पैनल पर भाप जैसा जमा है। इसकी सूचना मैरी ने अंतिम संस्कार में उपस्थित लोगों को दी। लोगों ने समझा कि वह सदमें में है इसलिए ऐसा कह रही है। लोगों ने मैरी को ताबूत खोलने से रोक दिया। इसके बाद जब मैरी में सास ने देखा कि उनकी बच्ची की आंखों की पुतलियां हिल रही हैं।

12 घंटे बाद उठकर रोना लगी 3 साल की मासूम

आखिरकार बच्ची अंदर से रोने लगी और अपनी मां को आवाज देने लगी। तब जाकर ताबूत खोला गया और अंदर बच्ची जिंदा निकली। जिसके बाद परिजन बच्ची को आननफानन में अस्पताल लेकर पहुंचे। तब तक काफी देर हो चुकी थी। कैमिला को दूसरी बार मृत घोषित कर दिया गया। मैरी का कहना है कि ,अगर उसे समय रहते सही इलाज मिल जाता तो मेरी बेटी जिंदा होती।

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