वॉशिंगटन/मास्को: यूक्रेन जंग के बीच अब रूस और नाटो में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हमले के संकेत दिए हैं। वहीं नाटो का नेतृत्व करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने परमाणु धमकी पर पुतिन को अब तक की सबसे कठोर चेतावनी दी है। इन सब धमकियों के बीच अब नाटो के 14 देश और रूस दोनों ही परमाणु युद्ध लड़ने का अलग-अलग अभ्यास करने जा रहे हैं। नाटो देशों का यह परमाणु अभ्यास बहुत व्यापक होगा और इसमें B-52 न्यूक्लियर बॉम्बर भी हिस्सा लेंगे। अमेरिका के बी- 52 बॉम्बर दुनिया में कहीं भी परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं।
नाटो ने अपने परमाणु अभ्यास का नाम स्टीडफास्ट नून दिया है जिसमें बी-52 बॉम्बर के अलावा अन्य फाइटर जेट भी शामिल होंगे। वाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह जानकारी दी है। इस अभ्यास में नाटो के 14 देश हिस्सा ले रहे हैं। नाटो के महासचिव जॉन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि इस अभ्यास की योजना बहुत पहले ही बना ली गई थी और अगर इसे रद किया गया तो इससे रूस की आक्रामकता के खिलाफ नाटो की प्रतिबद्धता को लेकर गलत संदेश जाएगा।
नाटो के ‘स्टीडफास्ट नून’ के जवाब में रूस शुरू करेगा ‘ग्रोम’
नाटो महासचिव ने कहा कि नाटो का दृढ़ व्यवहार, हमारी सैन्य क्षमता तनाव को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। अमेरिका ने पिछले दिनों दो बार अपने मिनटमैन 3 मिसाइल का परीक्षण यूक्रेन जंग को लेकर रूस के साथ तनाव और ताइवान को लेकर चीन के साथ तनाव को देखते हुए टाल दिया था। अंतत: अमेरिका ने 16 अगस्त को इस मिसाइल का परीक्षण किया। वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि रूस भी अपने बड़े पैमाने पर किए जाने वाले परमाणु अभ्यास के साथ बहुत जल्द ही आगे बढ़ेगा।
रूस का यह परमाणु अभ्यास फरवरी 2022 में किए गए अभ्यास के बाद दूसरी बार हो रहा है। पुतिन ने खुद ही फरवरी वाले अभ्यास को देखा था। इसे समुद्र, जमीन, हवा से मार की जाने वाले मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों तथा अन्य हथियारों के साथ अंजाम दिया गया था। किर्बी ने कहा, ‘हम अपेक्षा करते हैं कि रूस भी अपने हर साल किए जाने वाले रणनीतिक परमाणु अभ्यास के साथ आगे बढ़ेगा। रूस ने इसे ग्रोम नाम दिया गया है और इस महीने में ही कर सकता है।’ इन दोनों ही अभ्यास से यूक्रेन को लेकर जारी तनाव के और भड़कने की आशंका जताई जा रही है।
रूस- नाटो के इस अभ्यास से और भड़का सकता है तनाव
इससे पहले 21 सितंबर को पुतिन ने चेतावनी दी थी कि रूस अपनी जमीन की रक्षा के लिए सभी उपायों का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने कहा कि यह दिखावा नहीं है। उधर, नाटो महासचिव ने कहा कि वे रूस के परमाणु अभ्यास की दिन और रात पूरी निगरानी करेंगे। परमाणु मामलों के विशेषज्ञ हांस क्रिस्टेंशन का मानना है कि यह दोनों ही अभ्यास सामान्य हैं लेकिन हम नहीं जानते हैं कि किस चीज का अभ्यास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा खतरा है कि रूस नाटो के इस अभ्यास का उदाहरण देकर इलाके में तनाव को भड़का सकता है।