क्या कटने वाला है सौरव गांगुली का पत्ता? जय शाह को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाने की तैयारी

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दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई (BCCI) के कानून में संशोधन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) एक टर्म और बोर्ड का हिस्सा रह सकते हैं। 2019 में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बोर्ड अध्यक्ष बने थे। वहीं गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव और देश के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई सचिव बने थे।

चुनाव की है तैयारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीसीसीआई में चुनाव की तैयारी है। बोर्ड जल्द ही अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक (AGM) बुलाने जा रहा है। संविधान में संशोधन का फैसला करने के बाद राज्य संघों को नए सिरे से चुनाव के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारी इसी महीने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इसी वजह से फिर से चुनाव कराए जाएंगे।

अब अध्यक्ष बनेंगे जय?
34 साल के जय शाह क्या अब बीसीसीआई के अध्यक्ष बनेंगे? इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 15 राज्य संघ जय शाह को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। ज्यादातर सदस्यों का मानना है कि कोरोना के बावजूद आईपीएल को सफल बनाने में जय शाह का बड़ा हाथ है। इसके साथ ही आईपीएल की मीडिया राइट से बोर्ड को 48,390 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।

एक राज्य संघ के सदस्य ने कहा, ‘यह सही समय है जब शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कमान संभालेंगे और सभी संघ उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।’ हालांकि सवाल यह भी है कि अगर जय शाह बोर्ड अध्यक्ष बनते हैं तो सौरव गांगुली का क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने क्या संशोधन किए?

बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक कोई भी सदस्य राज्य संघ या बोर्ड में कुल 6 साल तक के लिए रह सकता था। इसके बाद उनसे तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड से होता। अर्थात इस दौरान वह बोर्ड या राज्य संघ से नहीं जुड़ सकता था। अब इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अब 6 साल तक राज्य और 6 साल तक बोर्ड में अलग-अलग रह सकता है। इसके बाद उसे कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा। तीन साल बाद वह बीसीसीआई में फिर से पद हासिल कर सकता है।

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