उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन इलाके में बुधवार शाम दलित परिवार की 17 और 15 साल की दो नाबालिग बहनों की लाशें पेड़ से लटकी मिलीं। लड़कियों के परिजनों ने कहा कि दोनों की लाशें मिलने के तीन घंटे पहले घर के बाहर से उनका “अपहरण” किया गया था। घर वालों का कहना है कि बेटियों की अपहरण के बाद हत्या की गई है। हालांकि पुलिस ने पहली नजर में खुदकुशी का संदेह जताया है। लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं। आरोपियों की पहचान छोटू, जुनैद, सोहेल, हाफिजुल, करीमुद्दीन और आरिफ के रूप में हुई है। आरोपी जुनैद को भागते हुए एक मुठभेड़ में पकड़ा गया है, जहां उसके पैर में गोली लगी है। उनसे पूछताछ जारी है।”
उन्होंने कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तस्वीर साफ हो जाएगी।” उसका इंतजार किया जा रहा है। मामले में मां की शिकायत के बाद धारा 302, 306 और POCSO के तहत केस दर्ज किया गया है। स्थानीय ग्रामीण ने घर से आधा किमी दूर गन्ने के एक खेत में पेड़ से लटकी बहनों की लाशों को देखा तो तुरंत आसपास के लोगों को जानकारी दी।
यह खबर जैसे ही अन्य लोगों को मिली तो वे गुस्से में आ गये और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर किया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही नाकाबंदी हटाई गई। पुलिस अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि घटना की पूरी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लखीमपुर खीरी के सीओ सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा- पीड़ित बहनों की लाशों पर पूरे कपड़े थे और गर्दन के अलावा शरीर के किसी हिस्से में चोट के कोई निशान नहीं थे। अधिकारी के मुताबिक शाम को तमोलीन पुरवा गांव में पेड़ से लटकी लाशों की सूचना मिलने पर पुलिस टीम घटनास्थल पर भेजी गई थी।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “ऐसी सजा देंगे कि दोषियों की आने वाली पीढ़ी भी कांप जाएगी”
इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया से कहा, “जुनैद, सोहेल, हाफिजुल, करीमुद्दीन और आरिफ शामिल थे। लड़कियों की गला दबाकर हत्या की गई और फिर उन्हें फांसी पर लटका दिया गया। सरकार ऐसा कदम उठाएगी कि उनकी आने वाली पीढ़ियों की आत्मा भी कांप उठेगी। पीड़ित परिवार को न्याय दिया जाएगा; फास्ट-ट्रैक कोर्ट के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी।”
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- विपक्ष राजनीति करने के बजाए परिजनों को सांत्वना दे
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी घटना को दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, “सभी अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मैं विपक्ष से उम्मीद करता हूं, चाहे अखिलेश यादव हों, प्रियंका गांधी हों या मायावती हों, कि वे राजनीतिकरण करने के बजाय परिवार को सांत्वना दें। लेकिन यूपी में कानून का राज कायम है।”
मीडिया से बात करते हुए पीड़िता की मां ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे वह अपनी बेटियों के साथ घर के बाहर बैठी थीं। मां ने कहा “मैं किसी काम से घर के अंदर गई। लौटने पर मैंने देखा कि तीन युवक मेरी बेटियों को जबरन मोटरसाइकिल पर ले जा रहे हैं। मैं उनके पीछे भागी, लेकिन उन्हें पकड़ने में नाकाम रही।” उसने आरोप लगाया कि सफेद और पीले रंग की शर्ट में दो युवकों ने उनकी बेटियों को मोटरसाइकिल पर खींच लिया था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- ‘हाथरस की बेटी’ हत्या की जघन्य पुनरावृत्ति
इस बीच, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंदी में एक ट्विटर पोस्ट में कहा: “निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों का अपहरण, उनकी हत्या और और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद, यह ‘हाथरस की बेटी’ हत्या की जघन्य पुनरावृत्ति है।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया- यूपी में बेखौफ हैं अपराधी
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना पर ट्वीट किया है। उन्होंने एक के बाद एक अपने दो पोस्ट में लिखा, “लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम। यूपी में अपराधी बेखौफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत।”
मायावती ने कहा, “यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है। हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।”