फेस्टिव सीजन से पहले आईपीओ का सीजन शुरू हो चुका है. तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के आईपीओ के बाद एक और पुरानी और अच्छी कंपनी का आईपीओ बाजार में दस्तक देने वाला है. जी हां, हम बात कर रहे हैं हर्ष इंजीनियर्स के आईपीओ की. आज से इस आईपीओ का सब्सक्रिप्शन खुलने जा रहा है. कंपनी 755 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई है. आईपीओ का प्राइस बैंड 314 रुपये से 330 रुपये प्रति इक्विटी शेयर रखा गया है.एक लॉट 45 शेयर का है. आईपीओ 16 सितंबर को बंद होगा. आईपीओ से प्राप्त होने वाली आय का इस्तेमाल कंपनी ऋण भुगतान, मशीनरी की खरीद के लिए कार्यशील पूंजी और मौजूदा उत्पादन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए करेगी.
अगर इस इश्यू की बात करें तो इसका 50 फीसदी हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स यानी क्यूआईपी के लिए रिजर्व रखा गया है. इश्यू का 35 पर्सेंट रिटेल इनवेस्टर्स के लिए है, जबकि बाकी 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है. कंपनी अपने शेयर को एनएसई और बीएसई दोनों ही जगह लिस्ट करेगी.
क्या है कंपनी का प्रोफाइल
अब बात अगर इस कंपनी के प्रोफाइल की करें तो हर्षा इंजीनियर्स इंटरनेशनल लिमिटेड की स्था पना राजेंद्र शाह और हरीश रंगवाला ने 1986 में की थी. कंपनी के गुजरात में तीन और चीन और रोमानिया में एक-एक प्लांट हैं. प्रमोटर्स के पास कंपनी की 99.7 फीसदी हिस्सेदारी है. यह कंपनी एविएशन और एयरोस्पेस, रेलवे, ऑटोमोटिव, रिन्यूएबल एनर्जी, एग्रीकल्चर और अन्य इंडस्ट्री के लिए कई तरह के इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स बनाती है. ये कंस्ट्रक्शन माइनिंग के सेक्टर में भी इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराती है.
आईपीओ में पैसा लगाएं या नहीं?
अब बड़ा सवाल ये है जो लोग जानना चाहते हैं वो ये कि क्या इस आईपीओ में हम पैसा लगाएं. आपको बता दें कि कंपनी का प्रोफाइल और काम अच्छा है. पिछले कुछ साल में बेशक फंड की कमी हुई है लेकिन बिजनेस मजबूत है. एक्सपर्ट की मानें तो भारतीय बेयरिंग केज बाजार में कंपनी की उपस्थिति शानदार है. लॉन्ग टर्म के लिहाज से चलें तो इसमें निवेश किया जा सकता है.