CM भूपेश बघेल ने उठाया चना वितरण का मुद्दा, दवा खरीदी मामले पर जमकर हंगामा, रमन सिंह को क्यों आया गुस्सा जानिए सबकुछ

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रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश में चना वितरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा जो चना वितरण हो रहा है, उसका मापदंड क्या है ? चना वितरण हुआ है, उसके गुणवत्ता की जांच हुई है क्या ? हमारे नेताजी ने जो चना उपलब्ध कराया था, उसकी जांच कराइएगा. मोहलामानपुर और गरियाबंद में चना वितरण नहीं हो रहा. इसके जवाब में मंत्री दयालदास ने कहा कि चना वितरण में देरी हुई है, लेकिन चना वितरण जारी है. जो चना नेताजी लाए थे वो अलग है. जो हम दे रहे है वो अलग है. चुनाव का समय था, इसलिए चना वितरण में देरी हुई है. आपके समय भी चुनाव के समय ऐसा हुआ था.

सदन में सीजीएमएससी के दवा खरीदी में अनियमितता का मुद्दा भी उठा. मामले में विपक्ष के विधायकों ने वॉकआउट भी किया. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि 12 करोड़ की दवाएं खरीद के एक्सपायरी बताकर फेंक दिया गया. दवाओं को नष्ट किया गया. मलेरिया उन्मूलन के लिए क्या काम हुए. मच्छर, डायरिया, मलेरिया से लोग परेशान हैं, इस पर कुछ कीजिए. अधिकारियों की बातों का परीक्षण करें.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा कि 86 लाख की दवाई एक्सपाईरी हुई है. संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देती तो ये स्थिति नहीं होती. इसे लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आपत्ति जताई और वॉक आउट किया. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि क्या यह भी सही नहीं है कि मलेरिया-डायरिया से मौत हो रही है, उस पर हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था ? क्या यह भी सही नहीं है कि हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस दिया है ?

विधायक अनिला भेड़िया ने पूछा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, महतारी जतन योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के पोषण लिए गर्म भोजन क्यों बंद हुआ. मंत्री राजवाड़े ने जवाब में कहा कि योजना बंद नहीं हुई है. ज़िले के CSR और DMF फंड और जन सहयोग से जहां जहां डिमांड आ रही है वहां वहां दी जा रही है.

सदन में उठा बेमेतरा बारूद फैक्ट्री धमाके का मुद्दा

बेमेतरा में बारूद फैक्ट्री में विस्फोट का मामला सदन में उठा. श्रम मंत्री ने सदन में पहली बार मौत होने की घटना को माना. अब तक मौत के मामले में गुम होने की बात प्रशासन कह रहा था. विपक्ष ने मौत के आंकड़े छिपाने और कंपनी प्रबंधन का साथ देने का आरोप भी लगाया. श्रम मंत्री ने बताया 9 श्रमिकों की मौत हुई और 7 घायल हुए. दुर्घटना की जांच पुलिस ने की है. किसी भी तरह से मौत के मामले को दबाया नहीं गया है. विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह ने कंपनी के सुरक्षा नियमों के पालन के संबंध में पूछा. श्रम मंत्री ने कहा कि जांच चल रही है. लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है. तमाम बातों के लिए फैक्ट्री प्रबंधन जिम्मेदार है. इसमें एफआईआर कराया गया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के आखिरी दिन प्रश्नकाल में स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह का सख्त अंदाज देखने को मिला. मनेंद्रगढ़ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके दिवंगत विजय सिंह के निधन की जानकारी विधानसभा सचिवालय को नहीं देने पर सरकार पर भड़क उठे.

रमन सिंह ने कहा कि यह प्रदेश की स्थिति है. यह आपत्तिजनक है और अनुचित है. शासन को निर्देश दिया जाता है कि कृपया इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें और आवश्यक निर्देश जारी करें, यह उचित नहीं है.