रायपुर। रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) की कमल विहार परियोजना का मुद्दा आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठा। प्रश्नकर्ता बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने इस दौरान पूर्ववर्ती सरकार और उसके नगरीय प्रशासन मंत्री को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने लैंड यूज विपरीत टेंडर करने का आरोप लगाया। सदन में इस पर काफी देर तक सवाल- जवाब का सिलसिला चलता रहा। अंत में विभागीय मंत्री ओपी चौधरी नेटेंडर की शर्तों का परीक्षण कराने की घोषणा सदन में की।
मंत्री चौधरी ने बताया कि रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना के तहत बोरिया खुर्द स्थित गजराज तालाब के आस-पास की भूमि का रायपुर विकास योजना (पुनर्विलोकित) 2021 में भू- उपयोग आमोद-प्रमोद प्रयोजन अंतर्गत क्षेत्रीय उद्यान हेतु दर्शाया गया था/प्रस्तावित था। प्राधिकरण द्वारा उक्त भूमि में नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 अंतर्गत एवं कमल विहार योजना के स्वीकृत लेआउट के अनुसार स्वीकार्य योग्य प्रोजेक्ट विकसित करने का प्लान रखा गया हैं।
भूमि के विक्रय के लिए ऑनलाईन निविदाएं 03.02.2023 को आमंत्रित की गई थी। न्यूनतम निविदाकार को आवंटन आदेश 12.04.2023 को जारी किया गया था। निविदा की शर्तों के अनुसार निविदाकार को 05 माह के भीतर प्रथम किश्त की जारी जमा करते हुए अनुबंध निष्पादित किया जाना था, किन्तु निविदाकार द्वारा समयसीमा पर अनुबंध निष्पादित नहीं किया गया। निविदाकार द्वारा कमर्शियल कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट द्वारा प्रकरण का निपटारा आरबिट्रेशन के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में आरबिट्रेशन की प्रक्रिया जारी हैं। वर्तमान में आरबिट्रेशन की प्रक्रिया जारी हैं। डेवलपर द्वारा क्लेम जमा किया जा चुका हैं, जिसके संबंध में प्राधिकरण का जवाब प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।