रायपुर । राजधानी के नगर निगम महापौर के बदलने, उनकी जगह नए पार्षदों को प्रभार देने का हल्ला है । ED की कार्रवाई से तार जोड़कर भी पार्षद अपनी ब्रांडिंग कर रहे हैं। निगम सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वाइट हाउस निगम मुख्यालय में सियासी की काली चाल चली जा रही है।
चर्चा है कि महापौर निवास में अचानक जुटे 26 कॉंग्रेस पार्षदों के हस्ताक्षर से निगम की सियासत मे उफान आ गया है। मेयर हाऊस में हुई देर रात की इस बैठक की वज़ह दो MIC मेंबर्स की राजनीति को लेकर है। निगम के 2 MIC मेंबर्स से अन्य पार्षद ख़फ़ा हैं ।
खबर है कि पार्षद और MIC मेंबर आकाश तिवारी और अजीत कुकरेजा पर मेयर समेत निगम पार्षद कॉंग्रेस विरोधी राजनीति करने का भी आरोप लगा रहे है।
पूर्व में भी पार्षद आकाश तिवारी को टार्गेट किया गया था। पार्षद आकाश तिवारी ने भी बताया कि ऐसी बैठक और राजनीति उनके खिलाफ पहले भी हुई है जिसमें उनपर क्रॉस वोटिंग का फर्जी आरोप लगाकर किया गया था।
इधर कॉंग्रेस के पार्षद अजीत कुकरेजा ने भी कहा कि उनके खिलाफ बेवजह का दुष्प्रचार कर रहे हैं कुछ लोग। उन्होंने कहा उनकी प्राथमिकता उनका वार्ड है और जो लोग उनके खिलाफ सियासत कर रहे हैं उनपर मेयर श्री ढेबर को एक्शन लेना चाहिए। कुकरेजा दो दिन पहले भी महापौर से जाकर मुलाकात की थी।
क्यों हो रहा ये बवाल
दरअसल ED ने महापौर को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया है। चर्चा है कि महापौर को यदि ईडी ने कस्टडी में लिया तो कुछ पार्षद खुद को महापौर बनाने की जुगत में लगे हैं।