रायपुर । छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से चल रही युवा कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस चुनाव में आकाश शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष माेनू अवस्थी को पौने चार लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया है। अध्यक्ष पद के एक और उम्मीदवार मानस सुमन पांडेय को केवल छह हजार 673 वोट मिले हैं। हार-जीत की घोषणा युवा कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति एक इंटरव्यू के बाद करेगी।
यूथ कांग्रेस चुनाव में प्रदेश महासचिव पद पर रायपुर जिले से कोमल अग्रवाल ने जीत हासिल की है। उन्हें 24395 वोट मिले ये रायपुर शहर में सबसे अधिक वोट पाने वाले यूथ कांग्रेस के इकलौते नेता हैं। कोमल अग्रवाल लगातार 12 सालों से सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे हैं। इससे पहले भी वह 2013 में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव का चुनाव भी जीत चुके हैं और वे प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने बताया, युवा कांग्रेस के चुनाव परिणाम आ गए हैं। 17 लाख से अधिक सदस्यता थी। इसमें से सात लाख 16 हजार 748 को ही मतदाता के रूप में वैध माना गया। आज जो परिणाम आए हैं, उनमें 90 विधानसभा अध्यक्ष, उनकी कमेटी, करीब 41 जिला अध्यक्ष, उनकी कमेटी और 44 से ज्यादा प्रदेश महासचिव चुनकर आए हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए तीन लोगों को डेलीगेट घोषित किया गया था। अध्यक्ष के चुनाव में आकाश शर्मा को पांच लाख 14 हजार 374 वोट मिले हैं। मोनू अवस्थी एक लाख 67 हजार और मानस पाण्डेय को केवल छह हजार 673 वोट मिल पाये हैं। इसमें से विजेता का आखिरी फैसला यूथ कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति एक साक्षात्कार के बाद करेगी।
चुनाव में 12 लोगों ने दावेदारी की थी
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 12 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। इनमें आकाश शर्मा, आशीष अवस्थी मोनू, गुलजेब अहमद, चकेश्वर गढपाले, कमलेश करम, मानस सुमन पाण्डेय, मोज्जसम नजर, शशि सिंह, सूरज कश्यप, तुकाराम, विधि नामदेव और जीशान कुरैशी शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों का पहले साक्षात्कार लिया गया था। उसके बाद 22 लोगों को चुनाव लड़ने के लिए पात्र माना गया था।
NSUI के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं आकाश
आकाश शर्मा कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। लंबे समय से छात्र राजनीति में सक्रिय रहने के बाद शर्मा को इसी साल युवा कांग्रेस में लाया गया था। उसके बाद से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई और आकाश शर्मा प्रमुख दावेदार बनकर उभरे। शर्मा को कांग्रेस के संगठन गुट का वरदहस्त(समर्थन) था।