मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आखिर बता दिया कैसे होगा झीरम कांड के सच का खुलासा

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झीरम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने बस्तर रवाना हुए। गुरुवार को इससे पहने उन्होंने रायपुर हेलीपेड में पत्रकारों से कहा – भाजपा जवाब दे की झीरम हमले को लेकर खूंखार नक्सली राममन्ना और गणपति का नाम एफआईआर से हटाया क्यों गया….
आयोग की रिपोर्ट राज्य सरकार को न देकर सीधे राज्यपाल को दिया जाता है… जिसके बाद कांग्रेस ने एक जांच आयोग का गठन किया। जिसको रोकने के लिए धरमलाल कौशिक ने स्टे लगाया… ये वहीं हैं जो नान घोटाला मामले में भी स्टे लेने जाते हैं… जिस दिन केंद्र में हमारी सरकार बनेगी उस दिन सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

सीएम ने घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि झीरम घाटी का समय सबको याद है कि इस घटना से पूरा देश दहल गया था। विश्व राजनीति के इतिहास में इतने बड़े राजनेताओं का एक साथ नरसंहार पहली बार हुआ था।

कांग्रेस इनका करवाना चाहती है नार्को टेस्ट

झीरम 10वीं वर्षगांठ के समय भाजपा नेताओं द्वारा की गयी बयानबाजी बेहद ही स्तरहीन और आपत्तिजनक है। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने जीरम मामले में बयानबाजी कर भाजपा बेशर्म चरित्र को प्रदर्शित किया है। झीरम घाटी हमला एक ऐसा हत्या कांड था जिसने कांग्रेस के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था। स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी। इस क्रूर हत्याकांड के लिये भाजपा और उसकी राज्य सरकार जिम्मेदार है। इस मामले में खुलासे के लिये जरूरी है कि रमन सिंह सहित तत्कालीन गृह मंत्री, तत्कालीन जिम्मेदार पुलिस के अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराया जाये।

कांग्रेस की मांग
1 एनआईए जीरम मामले की फाइल एसआईटी को सौंपे ताकि एसआईटी इसकी जांच कर सकें।

2 परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा क्यों हटाया इसको जानने के लिये जीरम हमले के समय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एडीजी नक्सल मुकेश गुप्ता तत्कालीन पदस्थ उच्च अधिकारियों का नार्को टेस्ट होना चाहिये।

3 जांच एजेंसी एनआईए रमन सिंह एवं अन्य का नार्को टेस्ट कराये या एनआईए राज्य सरकार द्वारा जीरम की जांच के लिये गठित फाइल वापस करें ताकि एसआईटी नार्को टेस्ट करवा सके।