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पूरे प्रदेश में लागू होने जा रही है स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ विद्यालय योजना, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एलान

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रायपुर। राजधानी के पुलिस ग्राउंड में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ध्वजारोहण किया। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए बड़ी सौगात दी। उन्होंने राज्य में आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व राज्य के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू किए जाने की घोषणा की, जिसमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा जिले के शत प्रतिशत शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए, जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है। इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है। विगत वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 52 हजार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिसमें 1 लाख 3 हजार बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम तथा 1 लाख 49 हजार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि अधिक से अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व 422 स्कूलों में यह योजना लागू होगी, जिनमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे और इनमें दंतेवाड़ा जिले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल होंगे। अपना वादा निभाते हुए हमने नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है।

‘निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना’ के तहत कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक सभी शासकीय-अशासकीय शालाओं तथा कक्षा आठवीं तक मदरसों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं। नवमीं कक्षा में पढ़ने वाली 1 लाख 55 हजार छात्राओं को इस वर्ष निःशुल्क सायकल देने का लक्ष्य रखा गया है।

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