रायपुर। स्वतंत्रता प्राप्ति के इन 75 वर्षों में लगभग 55 वर्षों तक पंच से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस का कब्जा रहा। अपने शासन के इन वर्षों में कांग्रेस ने जनजाति समूहों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा क्यों?
भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर, पिंकी शाह, एमडी ठाकुर, झगेश्वर धु्रव ने राज्य के 12 जाति समूहों की अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस उपलब्धि के लिए इन जाति समूहों को बधाई दी तथा इन जाति समूहों को मामूली तकनीकि त्रुटियों के कारण आदिवासी हितलाभ से वंचित रखे जाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं। केंद्र सरकार के हर अच्छे निर्णय के लिए अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। अब केंद्र सरकार ने भाजपा की पहल पर छत्तीसगढ़ के एक दर्जन जाति समुदाय को उनका वह अधिकार दिया है, जो कांग्रेस मिलने नहीं दे रही थी, तब भी भूपेश बघेल इसका जबरिया श्रेय लेने की प्रवृत्ति दिखाने से नहीं चूक रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्होंने चिट्ठी लिखी थी। कमाल की बात है कि उनकी एक चिट्ठी पर छत्तीसगढ़ के वंचित जनजाति समूहों को प्रधानमंत्री ने वाजिब हक दे दिया। भूपेश बघेल उस समय कहां थे, जब मां बेटे की सरकार चल रही थी। तब डॉ मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर क्यों इन जनजातियों को उनका अधिकार नहीं दिला दिया? भूपेश बघेल को मुफ्त में यश लूटने की कोशिश करने की बजाय इन आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि कांग्रेस ने उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा। दशकों तक इनका शोषण किया। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक ये काफी विकसित हो चुके होते। कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती है। कांग्रेस आदिवासी समाज का शोषण करती रही है और भाजपा आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करना और सम्मान देना जानती है। ये वही भूपेश बघेल हैं जो आदिवासी राष्ट्रपति नहीं चाहते थे। ये वही कांग्रेस है जो आदिवासी महिला राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर आदिवासी समाज का अपमान करती है।