गजब संयोग! अपने नाम के स्टेडियम में खेलने उतरे अभिमन्यु ईश्वरन, पिता ने करवाया था निर्माण

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दिल्ली: युवा बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन मंगलवार (तीन जनवरी) को रणजी ट्रॉफी मुकाबले में बंगाल की ओर से उत्तराखंड के खिलाफ देहरादून में खेलने उतरे। खास बात यह है कि जिस स्टेडियम में अभिमन्यु पहली बार प्रथम श्रेणी मैच खेलने उतरे, वह उन्हीं के नाम से बना है। 6 तिसंबर 1995 को देहरादून में जन्मे अभिमन्यु के पिता रंगनाथन परमेश्वरन ईश्वरन ने 2005 में देहरादून में ही एक जगह खरीदी। इस जगह पर उन्होंने अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी स्टेडियम बनवाया।

27 वर्षीय अभिमन्यु ने इसी एकेडमी से क्रिकेट का प्रशिक्षण भी हासिल किया है। अभिमन्यु 79 प्रथम श्रेणी मैचों में 19 शतक और 23 अर्धशतक लगा चुके हैं। उन्होंने 46.33 के औसत से 5746 रन भी बनाए हैं। अभिमन्यु को हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें पदार्पण का मौका नहीं मिला।

1988 में हुई थी अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी की शुरुआत
दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास के बाद स्टेडियम उनके नाम पर होना सामान्य बात है, लेकिन खेल के शुरुआती दिनों से ही खिलाड़ी के नाम पर स्टेडियम होने का यह अपने आप में अनोखा मामला है। इस मैदान पर बीसीसीआई की ओर से महिला और पुरुषों के मैच कराए जा चुके हैं, लेकिन स्टेडियम के मालिक अभिमन्यु पहली बार प्रथम श्रेणी मुकाबला खेलेंगे। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट रंगनाथन ने बेटे के जन्म से पहले ही 1988 में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी शुरू कर दी थी। रंगनाथन ने सीए की पढ़ाई के दौरान अखबार बेचने का काम भी किया था।

‘इसी मैदान पर क्रिकेट का ककहरा सीखा’
मैच से एक दिन पहले अभिमन्यु ने कहा था, ”मैंने इसी मैदान पर क्रिकेट का ककहरा सीखा था। यहां खेलना मेरे लिए गर्व की बात है। मेरे पिता ने जज्बे और मेहनत से इस स्टेडियम का निर्माण करवाया था। जब आप घर आते हैं तो हमेशा अच्छा महसूस होता है। मैदान पर मेरा ध्यान अपनी टीम को जीत दिलाने पर है।”

अभिमन्यु के पिता ने क्या कहा?
अभिमन्यु के पिता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ”मुझे अच्छा लग रहा है, लेकिन बड़ी उपलब्धि तब हासिल होगी जब मेरा बेटा 100 टेस्ट मैच भारत के लिए खेलेगा। मैंने स्टेडियम को सिर्फ बेटे के लिए नहीं बनवाया, बल्कि क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को पूरा करने लिए बनवाया था। इसका निर्माण 2006 में करवाया था। तब से इसे लगातार अपग्रेड करने के लिए पैसे खर्च कर रहा हूं। मुझे कोई आर्थिक फायदा इससे नहीं हो रहा, लेकिन जुनून पूरा हो रहा है।”

ग्रुप में दूसरे स्थान पर बंगाल
रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप-ए में बंगाल की टीम दूसरे स्थान पर है। उसने तीन मैच खेले हैं। दो में बंगाल को जीत मिली है और एक मुकाबला ड्रॉ रहा है। उत्तराखंड की बात करें तो वह अपने तीनों मैचों में जीत हासिल करने में सफल रहा है। उत्तराखंड एलीट ग्रुप-ए में शीर्ष स्थान पर है। इस ग्रुप में इन दोनों टीमों के अलावा बड़ौदा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा और नगालैंड की टीम है।