पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रहा है. दुनियाभर में पीएम शहबाज शरीफ मदद की भीख मांग रहे हैं. शहबाज शरीफ भारत से बातचीत करने की भी गुहार लगा रहे हैं. आतंक को पनाह देने वाला मुल्क आतंक की गिरफ्त में है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल सैयद असीम मुनीर संयुक्त अरब अमीरात से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वो यूएई की मदद से भारत से बात करना चाहते हैं. पाकिस्तान पर डिफ़ॉल्टर देश घोषित होने का खतरा भी है.
ऐसे में आर्थिक तंगी से लेकर आतंकवाद तक से घिरे पाकिस्तान के पीएम भारत से मदद की भीख मांगने को क्यों मजबूर हुए जान लेते हैं इसके बड़े कारण…
पहला बड़ा कारण
पाकिस्तान में सरकार बदलने के बाद देश की अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है. देश डिफॉल्टर घोषित होने से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है.
दूसरा बड़ा कारण
दूसरा बड़ा कारण यह है कि पाकिस्तान के बैंकों की हालत खराब है.केंद्रीय बैंक लगभग खाली हो चुके हैं. बैंकों की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास केवल 4.2 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार ही बचा है.
तीसरा बड़ा कारण
पाकिस्तान को चालू वित्त वर्ष के अगले तीन महीनों (जनवरी से मार्च) में दूसरे देशों से लिए कर्जों की अदायगी के रूप में करीब 8.3 अरब डॉलर चुकाने होंगे.
चौथा कारण
पाकिस्तान अपने रक्षा बजट को कम कर रहा है. शहबाज सरकार ने 2022-23 के लिए अपने रक्षा बजट को जीडीपी के 2.8% से घटाकर 2.2% कर दिया है.
पांचवां कारण
वर्ष 2022 की भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान की कृषि भूमि को तबाह कर दिया और बुनियादी ढांचे और फसलों में लगभग $40 बिलियन का नुकसान हुआ.
छठा कारण
पाकिस्तान के पास अपनी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त सब्जियां, चावल और गेहूं नहीं हैं. यह घटते विदेशी मुद्रा भंडार के चलते आयात भी नहीं कर सकता.