पाकिस्तान में 27 साल की हिंदू महिला ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है कि इस बात से वहां पर समुदाय के लोग बहुत खुश हैं क्योंकि उन्होंने ऐसी परीक्षा पास की है. जिसे कोई भी पाकिस्तानी हिंदू महिला 1947 से अभी तक पास नहीं कर पाई थी. इस एग्जाम को पास करने के बाद वह सहायक आयुक्त और प्रशासक के तौर पर नियुक्त हुईं हैं. पेशे से डॉक्टर, सना रामचंद गुलवानी ने बताया कि वह कैसे यहां तक पहुंचीं. उन्होंने अपने माता-पिता की ख्वाहिश पूरी करने के लिए भी बहुत कुछ किया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
हिंदू महिला बनी असिस्टेंट कमिश्नर
पाकिस्तान के पंजाब में रहने वाली सना ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज (CSS) परीक्षा 2020 में सफलता हासिल कर ली है. ‘डॉन’ अखबार में बताया गया है कि उन्होंने अटक जिले के हसनअब्दाल शहर में सहायक आयुक्त और प्रशासक के रूप में पदभार ग्रहण किया है. रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आई है कि गुलवानी ने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है. वहां के हिंदू समुदाय के कई कार्यकर्ताओं बताते हैं कि विभाजन के बाद से इस परीक्षा को पास करने वाली समुदाय की वह पहली पाकिस्तानी महिला बन गईं हैं.
पास होने के बाद गुलवानी ने कही ये बात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध प्रांत के शिकारपुर शहर में रहने वाली गुलवानी संघ लोक सेवा आयोग की एग्जाम देने से पहले मां-बाप की इच्छा पर डॉक्टर बन गईं थीं. इस परीक्षा को पास करने के बाद गुलवानी कहती हैं कि मुझे नहीं पता कि मैं पहली हूं, लेकिन मैंने अपने समुदाय से किसी महिला के परीक्षा में शामिल होने के बारे में कभी नहीं सुना था.
जान लीजिए डॉक्टर सना रामचंद गुलवानी के बारे में?
सना ने पाकिस्तान की पब्लिक सर्विस एग्जाम Central Superior Services (CSS) को पहले ही अटेंप्ट (Attempt) में क्लीयर कर लिया था. सना ने मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया. उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई जारी रखी और ऐसा बताया जाता है कि उन्होंने Urologist में पढ़ाई की थी. इसके बाद वे संघीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित हो गईं.