भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, कतर की जेल से रिहा किए गए 8 पूर्व नौसैनिक, 7 लौटे भारत

0
40

भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. कतर ने आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. वे जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे. उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने पहले ही कम कर दिया था और उम्रकैद में बदल दिया था. अब विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्हें रिहा कर दिया गया है और इनमें सात पूर्व नौसैनिक भारत भी लौट आए हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन आठ में सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.”

दिल्ली पहुंचते ही लगाए ‘भारत माता की जय’ के नारे

भारत लौटे पूर्व नौसैनिक अधिकारियों में एक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बगैर उनकी रिहाई संभव नहीं थी. उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. सभी पूर्व अधिकारियों ने पीएम मोदी और कतर के अमीर का भी धन्यवाद दिया. एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि उनकी रिहाई बिना भारत सरकार की कोशिशों के मुमकिन नहीं था.

अगस्त 2022 में गिरफ्तार किए गए थे पूर्व नौसैनिक

अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम करने वाले पूर्व भारतीय नौसैनिकों को भ्रष्टाचार और जासूसी के एक मामले में कथित रूप से शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था. भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कतर के साथ बातचीत कर उन्हें कानूनी मदद दी गई.

26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने उन आठ भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई, जिन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, ना तो कतर एडमिनिस्ट्रेशन और ना ही भारत सरकार ने ही उन अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया. जब मौत की सजा की खबर ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं तो भारत ने फैसले को “चौंकाने वाला” बताया और मामले में सभी कानूनी विकल्प के साथ जाने का फैसला किया था.

कतर से रिहा किए गए आठ पूर्व नौसैनिक कौन हैं?

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं – जो कतर में अलदाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे, जो कि एक सर्विसेज और रक्षा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है.

कई जमानत याचिकाएं की गई खारिज

पूर्व नौसैनिक अधिकारियों ने अक्टूबर 2022 में दोहा में भारत के राजदूत से मुलाकात की थी और फिर वे अपने रिश्तेदारों से बात कर सके थे. मार्च 2023 में पूर्व नौसैनिकों द्वारा दायर कई जमानत याचिकाओं में से आखिरी याचिका खारिज कर दी गई थी. उसी महीने उन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कतर कोर्ट ट्रायल शुरू की थी और फिर 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी.

पीएम मोदी-कतर अमीर की मुलाकात के बाद मिली थी राहत

बीते साल 1 दिसंबर को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी के बीच बैठक के बाद पूर्व नौसैनिकों की सजा को कम किया गया था. कतर अमीर के साथ अपनी मुलाकात में पीएम मोदी ने पूर्व अधिकारियों का मुद्दा उठाया था. पूर्व नौसैनिकों के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.