`कांग्रेस का हाथ नक्सलियों के साथ`, जानें आखिर किस बात पर बीजेपी नेता ने लगाया इतना गंभीर आरोप

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रायपुर। विधानसभा चुनाव 2023 (chhattisgarh assembly elections 2023) से पहले छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल की नियुक्ति के बीच सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (mohan markam) और बीजेपी नेता अजय चंद्राकर ajay chandrakar) के बीच तीखे बयानों का दौर चल रहा है. कल चंद्राकर ने मरकाम को गंभीरता से न लेने की बात कही थी और आज उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसके हाथ को नक्सलियों के साथ (congress ka haath naksaliyon ke sath) बता दिया है.

कांग्रेस का हाथ नक्सलियों के साथ- चंद्राकर
बीजेपी नेताओं की हत्या को लेकर अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है और कांग्रेस केवल ताली बजा रही है. यह गैर जिम्मेदाना हरकत है. ये नियोजित हत्याएं है कांग्रेस द्वारा. कांग्रेस का हाथ नक्सलियों के साथ है. कांग्रेस का आतंक बढ़ रहा है, हर तरह के प्रदर्शन किए जा रहे है. लेकिन, यह सफल नहीं होंगे.

 

सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं किसी भी राष्ट्रीय एजेंसी से जांच करा ले. जब केंद्र जांच कराती है तो उन्हें राष्ट्रीय एजेंसी पर भरोसा नहीं होता.

कांग्रेस सिकुड़ रही है
राज्यपाल बदले जाने पर मोहन मरकाम के बयान पर उन्होंने कहा कि प्रमोशन डिमोशन संवैधानिक पद के साथ नहीं जुड़ा होता. ये मरकाम की बाते हैं उन्हें गंभीरता से मात लीजिए. मोहन मरकाम जी किसी तथाकथित दल के अध्यक्ष है या जाति वादी समाज के अध्यक्ष है. कांग्रेस सिकुड़ रही है, गर्त में जायेगी. आदिवासी समाज की मुख्य धारा से वंचित शोषित रहे हैं. उनको बराबरी का हक दिलाना होगा.

 

निश्चलानंद के बयान पर बोलने से बचे
रायपुर में स्वामी निश्चलानंद के तीखे बयानों के बारे में सवाल पूछे जानें पर अजय चंद्राकर ने कहा कि उनकी टिप्पणी किन अर्थों, संबंधों में कही गई है वो वहीं जाने. इस बारे में मेरा कहना उचित नहीं होगा. उन्होंने किस परिपेक्ष में क्या कहा है ये वही बता सकते हैं.

कुमारी शैलजा के दौरे पर निशाना
कुमारी शैलजा के दौरे पर कहा भी उन्होंने निशाना साधा और कहा कि घिसे पीटे लूटे पीटे नेता यहां आते रहते है. उनको अपने राज्य में कोई नहीं पहचानता. वह यहां स्वागत कराने आते है. अगर उनमें योग्यता रहती तो अपने राज्य में जीत हासिल करते. कांग्रेस को डुबाने के लिए यहां मोहन मरकाम और भूपेश बघेल काफी हैं.