रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन बैगा जनजाति की हत्या का मामला सदन में उठा. कवर्धा के पंडरिया के नागा डबरा इलाके में डेढ़ महीने पहले 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसे लेकर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत विपक्ष के विधायकों ने कहा कि 12 साल के बैगा जनजाति के बच्चे और माता-पिता की हत्या की गई. जमीन हड़पने के उद्देश्य से हत्या हुई. इस विषय को दबाने की कोशिश की गई. बैगा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रा जाने जाते हैं. गृह मंत्री के क्षेत्र में इस तरह का जघन्य अपराध किया जा रहा है और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथी दवाएं मिलाने का मामला भी सदन में गूंजा. पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथी दवाएं मिलाने का मामला उठाया और कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक दवाएं मिलाई गई है. अमानक दवाओं का मामला है. 11 आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक दवाएं मिलाने का मामला आया है. कितना प्रतिशत मिला है ये बताएं.
सदन में उठा दवाओं में मिलावट का मामला
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि लगभग 5 प्रतिशत ही जांच करने वाले विशेषज्ञ हैं. हमने बाहर रिपोर्ट जांच के लिए भेजी है. यहां जो जांच होती है, उसमें सिर्फ मिलावट का बता पाते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा- कार्रवाई क्या हुई ये बताएं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्रवाई की बात करे तो राजनांदगांव का एक मामला है जो विवेचनाधीन है. 12 केस है जिसे अपने स्तर पर विवेचना कर रहे हैं. पूरी तरह से जब विश्वास हो जाता है मिलावट है तब आगे कार्रवाई होगी.
धरमलाल कौशिक ने कहा कि कोलकाता के लैब में मिलावट की बात की पुष्टि हो गई है. 2023 का एक मामला है. डाइक्लोफेनिक सोडियम पाया गया है. कोर्ट में पेश करने की हम तैयारी कर रहे हैं. जल्द से जल्द भेजना है. एक से 3 साल के बीच बेचने का नियम है. हम अगले तीन महीने में उसे कोर्ट में भेज देंगे.