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IPL में क्या है इम्पैक्ट प्लेयर नियम? कैसे करेगा यह काम और कब होगा इसका इस्तेमाल? जानें सबकुछ

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नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को रोमांचक बनाने के लिए आगामी सीजन में ‘इम्पैक्ट प्लेयर (Impact Player Rule)’ नियम लागू किया जाएगा. आईपीएल के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर नियम के आगामी सीजन में लागू करने की जानकारी दी गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल में संपन्न सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में इस नियम को पहले आजमाया. अक्टूबर-नवंबर में खेली गई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दोनों टीमों को एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को उतारने की अनुमति दर गई थी, जिसे ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नाम दिया गया है.

क्या है ये नियम
इस नियम के मुताबिक, दोनों टीमों को टॉस के समय 11 खिलाड़ियों के अलावा 4 अतिरिक्त खिलाड़ियों के नाम बताने होंगे. नए नियम के मुताबिक, दोनों टीमों को टॉस के समय 11 खिलाड़ियों के अलावा 4 अतिरिक्त खिलाड़ियों के नाम बताने होंगे. 4 अतिरिक्त खिलाड़ियों में से किसी एक का उपयोग इंपैक्ट प्लेयर के रूप में किया जाएगा. पारी के 14वें ओवर तक ही इम्पैक्ट प्लेयर मैदान पर भेजे जा सकते हैं.

टीम के कप्तान, कोच और टीम मैनेजर को फील्ड या फोर्थ अंपायर को इंपैक्ट प्लेयर के बारे में बताना होगा. इंपैक्ट प्लेयर के आने के बाद जो खिलाड़ी बाहर होगा, उसका उपयोग पूरे मैच में नहीं किया जा सकेगा.ओवर खत्म होने, विकेट गिरने या प्लेयर के चोटिल होने के बीच ही इम्पैक्ट प्लेयर को मैदान पर उतारा जाएगा. मैच के बीच में यानी चलते मैच में बदलाव नहीं किया जा सकता है. इम्पैक्ट प्लेयर पारी में पूरी बल्लेबाजी कोटे के 4 ओवर की गेंदबाजी कर सकता है. बावजूद इसके किसी भी स्थिति में सिर्फ 11 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर सकते हैं.

ऋतिक शौकीन बने पहले ‘इम्पैक्ट प्लेयर’
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिल्ली की टीम ने पहली बार इम्पैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल किया था. दिल्ली ने जयपुर में खेले गए मुकाबले में मणिपुर के खिलाफ ऋतिक शौकीन को ओपनर हितेन दलाल की जगह रिप्लेस किया था. शौकीन भारतीय क्रिकेट में पहले इम्पैक्ट प्लेयर हैं. शौकीन ने 3 ओवर में 13 रन देकर 2 विकेट निकाले थे.

क्या छोटे मैच में भी टीमों को इम्पैक्ट प्लेयर उतारने की अनुमित दी जाएगी?
यदि मुकाबला किसी कारणवश देरी से शुरू होता है या ऐसा लगता है कि 10 ओवर का भी खेल नहीं हो पाएगा? तब इम्पैक्ट प्लेयर का नियम लागू नहीं होगा. या यूं कहें कि 10 से कम के ओवर वाले खेल में यह नियम लागू नहीं होगा.

बीबीएल में X-Factor से कितना अलग है? 
ऑस्ट्रेलिया की घरेलू बिग बैश लीग में कुछ इसी तरह का नियम लागू किया गया है जिसे एक्स फैक्टर के नाम से जाना जाता है. बीबीएल में इस नियम के तहत सभी टीमें पहली पारी के 10वें ओवर से पहले 12वें या 13वें खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बना सकती हैं. बशर्तें कि वह उस खिलाड़ी ने बल्लेबाजी ना की हो या एक से अधिक ओवर ना फेंका हो. स्थानापन्न खिलाड़ी पूरे चार ओवर की गेंदबाजी कर सकता है, बेशक रिप्लेस किए गए खिलाड़ी ने गेंदबाजी की हो. फुटबॉल, हॉकी, बेसबॉल और रग्बी जैसे खेलों में सब्स्टिट्यूट खिलाड़ियों का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है.