रायपुर । छत्तीसगढ़ में डायनासॉर रहने के सबूत मिले हैं। बस्तर के इलाके में कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जिसकी वजह से ये दावा प्रबल हो गया है। खबरों की मानें तो बैलाडीला के पास कुछ पेड़-पौधे भी मिले हैं जो जुरासिक काल के हैं। यहां शाकाहारी डायनासॉर के रहने का दावा किया जा रहा है।
उस डायनासॉर का आहार था ट्री फर्न यही यहां मिला है। दंतेवाड़ा जिले में किरंदुल शहर से महज 10 से 12 किमी की दूर बैलाडीला की पहाड़ी में एक जल प्रपात और ट्री फर्न का बगीचा स्थित है। यही डायनासॉर का इलाका हुआ करता था।
वन विभाग के SDO अशोक सोनवानी ने बताया कि, ट्री फर्न के पौधे को पेड़ का रूप लेने में करीब 2 से ढाई हजार साल का समय लगता है। अशोक सोनवानी ने कहा कि, पूरे विश्व में अफ्रीका और अमेरिका के बाद बैलाडीला की पहाड़ी में जुरासिक काल का ट्री फर्न का पौधा है। ट्री फर्न के पेड़-पौधे मिलने के बाद जो रिपोर्ट्स सामने आई थी उसके मुताबिक यह अनुमान लगाया गया था कि, जुरासिक काल में यहां भी शाकाहारी डायनासोर की प्रजाति थी।