रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) ने बीते रविवार को विधायक धर्मजीत सिंह को निष्कासित किया और उन्हें अन्य सहभागियों सहित 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. जेसीसी(जे) ने देश में चल रही पार्टी बदलो बयार को भाप लिया है तभी संभावित बगावत को कुचलने का अभियान शुरु किया है. विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को निकालने के बाद पार्टी ने उनके चार अन्य समर्थकों को भी पार्टी से निकाल दिया है. वही पार्टी के अन्य विधायक प्रमोद शर्मा भी खुलकर धर्मजीत सिंह के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत हो रहा है. पार्टी मुझे भी निकालना चाहती है तो निकाल दे. हालांकि प्रमोद शर्मा ने अजित जोगी के निधन के बाद लगभग दो साल पहले विधायक देववर्त सिंह के साथ ऐसा ही कुछ कहा था. उन्होंने कहा था कि दोनों का भविष्य कॉंग्रेस से जुड़ा है. अब वह अपनी बात से पलटते दिख रहे हैं.
बलौदाबाजार से JCC(J) विधायक प्रमोद शर्मा का कहना है कि पार्टी का हिस्सा होने के बाद भी उन्हें मीडिया से पता चला कि विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है. इस खबर से वह बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि बिना बैठक के, बिना किसी की सहमति के, इस प्रकार का निर्णय लिया जाना गलत है.
प्रमोद शर्मा ने मीडिया से कहा कि मैं पूरी तरीके से धर्मजीत सिंह के साथ हूं. उन्होंने जेसीसी (जे) नेता अमित जोगी पर इल्जाम लगाया कि वो बाथरूम में बैठकर इस प्रकार का फैसला ले रहे हैं, जो सरासर गलत है. प्रमोद इसके खिलाफ है, इस तरह पार्टी के अनैतिक नीतियों के विरोध करने से अगर पार्टी उन्हें भी निकालना चाहती है तो निकाल सकती है. वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है.
प्रमोद शर्मा ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के कोर ग्रुप ने रविवार देर शाम पार्टी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को निष्कासित कर दिया था. पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी को उनकी जगह पर विधायक दल का नेता चुना गया. आपको बता दें कि पार्टी सूत्रों का कहना है कि धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा मिलकर पार्टी को भाजपा के साथ विलय की कोशिश में लगे थे. इसको रोकने के लिए ही पार्टी ने यह सख्त कदम उठाया है. फिलहाल पार्टी ने धर्मजीत सिंह पर एससी, एसटी, ओबीसी समुदाय की अनदेखी और पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ काम करने का आरोप लगा कर उन्हें हटाया है.
लोरमी के इन चार पदाधिकारियों को निकाला गया
JCC(J) के प्रदेश महामंत्री प्रशासन महेश देवांगन ने चार पदाधिकारियों को 6 साल तक के लिए निष्कासित करने का आदेश जारी किया है. इसमें लोरमी के ब्लॉक अध्यक्ष राकेश छाबड़ा भी शामिल हैं. छाबड़ा वहां विधायक धर्मजीत सिंह के प्रतिनिधि भी हैं. लोरमी नगर पंचायत की अध्यक्ष अंकिता शुक्ला, उनके पति रवि शुक्ला और पार्षद सीमांत दास को भी पार्टी से निकाल दिया गया है. आपको बता दें कि राकेश छाबड़ा पर 2020 में डीएवी स्कूल में घुसकर पीटी शिक्षक से मारपीट का आरोप है. उस समय साहू समाज उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा था.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे कोई राजनैतिक दल थोड़ी ही है. यह अवसरवादियों का एक समूह है. कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने और भाजपा की मदद करने के लिए इसका गठन हुआ. जो कभी पूरा नहीं हो पाएगा. अब इनके आपसी हित टकरा रहे तो इनमें विघटन हो रहा है. यह सामान्य प्रक्रिया है. इस समूह में ऐसा एक न एक दिन होना ही था. इस पूरे मामले पर भाजपा ने चुप्पी साध रखी है.