रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 से पहले बीजेपी (BJP) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है और बीजेपी के नेताओं ने राज्य को विकसित बनाने का वादा किया है. घोषणा पत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी का केवल घोषणा पत्र नहीं होता, एक संकल्प पत्र होता है. उन्होंने कहा कि जातिगत गणना का विरोध नहीं है. सभी लोगों से बात करके इसपर फैसला लिया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी का केवल घोषणा पत्र नहीं होता, एक संकल्प पत्र होता है. इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की थी. ताकि राज्य को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके. 15 साल रमण सिंह के नेतृत्व में सरकार चली. छत्तीसगढ़ की जनता परिवर्तन करने जा रही है. बीजेपी की ओर से जनता का आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने बीमारू राज्य से अच्छा राज्य बनाया और अब विकसित राज्य बनाने की दिशा में काम करेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “दुर्गम क्षेत्रों को नक्सलवाद से मुक्त कराया. पोषण की गारंटी देने वाला पूरे देश में पहला राज्य छत्तीसगढ़ बना. मनरेगा में 150 दिनों की मज़दूरी देने वाला राज्य बना. साथ ही पंचायत में महिलाओं के पचास प्रतिशत आरक्षण. छात्रों को फ़्री टैबलेट लैपटॉप और पॉवर सरप्लस स्टेट बना.”
छत्तीसगढ़ बीजेपी के घोषणा पत्र की बड़ी बातें:-
कृषि उन्नयन योजना 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान 3100₹ में लिया जाएगा
किसान को एकमुश्त भुगतान किया जाएगा
विवाहित महिला को 12 हज़ार रुपए सालाना दिया जाएगा.
एक लाख खाली पदों को दो साल के भीतर भरा जाएगा.
पीएम आवास योजना के तहत दो लाख घर, साथ ही हर घर में जल
तेंदू पत्ता संग्रहण 5500₹ प्रति महीने करेंगे और चरण पादुका योजना फिर लागू होगा
कृषि मज़दूरों को हर साल दस हज़ार रुपए मिलेंगे, साथ ही आयुष्मान भारत दस लाख तक ले जाएंगे
युवाओं को नए उद्योग के लिए 50% subsidy
रानी दुर्गावती योजना बीपीएल बालिकाओं को डेढ़ लाख
500₹ में गैस सिलिंडर
डीबीटी से मासिक ट्रैवल भत्ता
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, “झूठा प्रचार करने में पूरे देश में भूपेश बघेल का कोई सानी नहीं है. एक वातावरण बनाकर उन्होंने 5 साल के लिए यहां सरकार बनाई. लेकिन इसमें उन्होंने केवल घोटाले ही किए. मैं छत्तीसगढ़ की जनता से कहना चाहता हूं कि मोदी जी छत्तीसगढ़ का विकास करना चाहते हैं, लेकिन भूपेश बघेल उसमें सबसे बड़ा विघ्न है. बघेल जी को डर है कि अगर यहां विकास के इतने कार्य हो गए तो उनकी कुर्सी चली जाएगी. पिछले 5 वर्ष में कानून व्यवस्था के मामले में भी भूपेश बघेल सरकार फिसड्डी साबित हुई.