छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन का सोमवार यानी आज आखिरी दिन है। इस आखिरी दिन के अंतिम समय में दुर्ग जिले की राजनीति के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी एक नया भूचाल आया है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी दुर्ग जिले के पाटन से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरने पहुंचे। उनके पहुंचते ही छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में उथल-पुथल मच गई।
अमित जोगी ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के पाटन से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उनके पास और भी कई विकल्प थे। वे चाहते तो किसी भी सेफ सीट से चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने दुर्ग जिले के पाटन को ही चुना, क्योंकि वहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सातवीं बार पाटन से चुनावी मैदान में हैं तो वहीं अमित जोगी पहली बार दुर्ग जिले के पाटन से चुनावी चुनाव लड़ेंगे।
अमित जोगी ने कहा मैंने पाटन से आज अपना नामांकन भरा है। ये चुनाव ‘भूपेश’ नही ‘भ्रष्टाचार’ के विरुद्ध है। यह एक ताकतवर दाऊ ‘परिवार’ बनाम पाटन के गरीब, अनुसूचित जाति-जनजाति, अतिपिछड़ा वर्गों के ‘अधिकार’ का चुनाव है।
मैं तो केवल चेहरा हूं, प्रत्याशी तो पाटनवासी हैं, प्रत्याशी तो पीएससी घोटाला पीड़ित हैं, आवास पीड़ित हैं, वादाखिलाफी पीड़ित हैं, नियमितीकरण पीड़ित हैं, शराबबंदी पीड़ित हैं। मैं तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध, इन सभी पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।
मेरे पास ‘सेफ’ सीट से जीतने के तीन विधानसभाओं के विकल्प थे, मैं दो सीटों से भी लड़ सकता था लेकिन मैंने अकेले पाटन से ही लड़ने का निर्णय पाटनवासियों के कहने पर लिया है। मैंने पिछले एक महीने में पाटन विधानसभा क्षेत्र में तीन बडी सभायें की हैं।
मेरे आने के बाद, पाटन में पहली बार चुनाव होगा, अभी तक तो एक ही परिवार के चाचा-भतीजा की सेटिंग होती आयी है, चुनाव तो अब होगा।
‘पाटन में परिवर्तन’ तय है। पाटनवासियों की जीत होगी!