Advertisement Carousel

केदारनाथ हादसा: पायलट को पहाड़ी इलाकों में हेलिकॉप्टर उड़ाने का महज एक महीने का था तजुर्बा

0
225

उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के नजदीक हेलिकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की मौत के बाद इस हादसे की जांच जारी है। हादसे की वजहों को लेकर अलग-अलग तरीके से विश्लेषण किया जा रहा है। इसी साल जून के महीने में पवन हंस हेलिकॉप्टर हादसे में 4 लोगों की जान चली गई थी। यह हादसा अरब सागर में आपातकालीन लैंडिंग के दौरान हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दोनों ही हादसों में कुछ समानताएं हैं। दोनों ही हादसों में वरिष्ठ पायलट शामिल थे। जिन्होंने हाल ही में नई तरह की एयरक्राफ्ट को लेकर उड़ान भरी थी। जाहिर है जो हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए उन्हें उड़ाने का तजुर्बा दोनों ही पायलटों को कम था। इसके अलावा दोनों ही हादसे एक चुनौतीपूर्ण मौसम के बीच हुए हैं।

Narendra Modi

केदरनाथ हादसे में जान गंवाने वाले पायलट का नाम अनिल सिंह था। करीब 15 साल से वो मल्टी-इंजन Dauphin N-3 aircraft उड़ा रहे थे। सितंबर के महीने में उन्होंने आर्यन एविएशन ज्वाइन किया था। करीब एक महीने पहले उन्होंने सिंगल-इंजन बेल 407 उड़ाना शुरू किया था। अनिल सिंह को ज्यादातर तटीय इलाकों में हेलिकॉप्टर उड़ाने का अनुभव था। इस इंडस्ट्री से जुड़े एक विशेषज्ञ ने कहा कि अब यह सवाल उठ रहे हैं कि पहाड़ी इलाकों में एयरक्राफ्ट उड़ाने के लिए क्या उन्हें सही ढंग से प्रशिक्षण दिया गया था।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि तटीय इलाके में दोहरे इंजन वाले एयरक्राफ्ट को उड़ाना और पहाड़ी इलाकों में सिंगल इंजन वाले एयरक्राफ्ट को उड़ाना यह दोनों ही दो अलग-अलग चीजे हैं। दोनों ही माहौल में एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए खास स्किल की जरूरत पड़ती है। समुद्र तल की ऊंचाई से उड़ाए जाने वाले मल्टी-इंजन हेलिकॉप्टर में ऑटोपायलट नहींहोता। यह नेविगेशन के लिए कॉकपिट इंस्ट्रूमेन्ट्स पर निर्भर रहता है। इसलिए खराब दुश्यता बहुत बड़ी समस्या नहीं होती है। केदारनाथ हादसे के बाद डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।