रविवार को आखिरी दिन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की तरफ से पड़ोसी मुल्कों से आने वाली चुनौतियों पर प्रजेंटेशन दिया। इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर बाहरी खतरों पर भी बात हुई।
कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस के प्रति जनता, खासकर युवाओं की धारणा सकारात्मक बनाना जरूरी है। इसके लिए पुलिसिंग में दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
उन्होंने शहरी पुलिसिंग को मजबूत करने, पर्यटक पुलिस को सक्रिय बनाने और नए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस और प्रशासन को नेटग्रिड (National Intelligence Grid) के तहत एकीकृत डेटाबेस के उपयोग को बढ़ाने और इसे एआई तकनीक से जोड़कर कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी तैयार करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को फोरेंसिक जांच के केस स्टडी विकसित करने चाहिए ताकि फोरेंसिक आधारित जांच को मजबूत कर आपराधिक न्याय प्रणाली को और सक्षम बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिबंधित संगठनों की सतत निगरानी, वामपंथी उग्रवाद (LWE) से मुक्त क्षेत्रों का समग्र विकास और तटीय सुरक्षा को नई रणनीतियों से मजबूत करने की जरूरत है।
उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने पर भी जोर दिया, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक सहभागिता को एक साथ आगे बढ़ाने की बात कही गई।
कॉन्फ्रेंस के दौरान विजन 2047 के अनुरूप पुलिसिंग का दीर्घकालिक रोडमैप, आधुनिक आतंकवाद-निरोध और कट्टरपंथ से निपटने की रणनीतियां, महिला सुरक्षा में तकनीक का उपयोग, विदेशों में रह रहे भारतीय भगोड़ों की प्रत्यावर्तन रणनीतियां, प्रभावी अभियोजन के लिए फोरेंसिक क्षमता का विस्तार पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से कहा कि चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में तेज और समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र अनिवार्य है। उन्होंने सक्रिय तैयारी, त्वरित समन्वय और न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
उन्होंने चक्रवात ‘दित्वा’ की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए पुलिस बलों को अधिक सतर्क और सक्षम रहने की सलाह दी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, और इसके अनुरूप पुलिस व्यवस्था को भी पुनर्गठित, आधुनिक और सक्षम बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने पुलिस नेतृत्व से कहा कि वे राष्ट्रीय आकांक्षाओं के अनुरूप पुलिसिंग को नए रूप में ढालें।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। इसके साथ ही उत्कृष्ट शहरी पुलिसिंग के लिए तीन शहरों को नव-स्थापित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया—यह पहल पहली बार शुरू की गई है।
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और आईजीपी मौजूद रहे।
इसके अलावा सीएपीएफ और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख भी शामिल हुए, जबकि देशभर के 700 से अधिक अधिकारी वर्चुअली सम्मेलन से जुड़े।


























