आज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। पौराणिक काल से नाग पंचमी के तिथि पर नागदेव की पूजा की जाती है क्योंकि पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं। नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से नागों की पूजा होती है। सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है। नाग देवता भगवान शिव की गले की शोभा बढ़ाते हैं। ऐसे में नाग पंचमी के दिन नागों की उपासना का विधान है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर कुंडली में मौजूद कालसर्प और राहु दोष दूर हो जाता है। इसके अलावा जीवन के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस बार नाग पंचमी पर कई शुभ योग बन हुआ है। ऐसे में नाग पंचमी के अवसर पर भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करने पर सभी तरह के सुख की प्राप्ति की जा सकती है। आइए जानते हैं आज नाग पंचमी के पूजा का क्या शुभ मुहूर्त है।
नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त 2022 (Nag Panchami Shubh Muhurt 2022)
आज पूरे देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। पंचांग गणना के अनुसार आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 4 बजकर 14 मिनट से शुरू हो चुकी है जोकि कल यानी 03 अगस्त की सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष गणना के मुताबिक आज नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 8 बजकर 24 मिनट तक ही रहेगा। ऐसे में नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा के लिए आपको सिर्फ 2 घंटे 42 मिनट के करीब का समय मिलेगा।
आज नाग पंचमी पर बना शुभ योग
नाग पंचमी पर भगवान शिव का अभिषेक और नाग देवता की पूजा करने का विधान होता है। आज नाग पंचमी तिथि पर कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं। आज नाग पंचमी के दिन शिव, रवि,संजीवनी और सिद्ध योग बन रहा है। शिव योग समेत कई शुभ योग बनने से नाग पंचमी पर नागदेवता की पूजा करने का महत्व काफी बढ़ गया है। शुभ योग अलावा आज सावन माह के तीसरे सोमवार के बाद तीसरा मंगलवार भी है। सावन मंगलवार दिन मंगलागौरी की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी का महत्व
– पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता है। इस कारण से नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा का महत्व काफी है।
– ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर व्यक्ति को सांप के डसने का भय समाप्त हो जाता है।
– नाग पंचमी क दिन नागदेवता की पूजा और दूध पिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
– नाग देवता भगवान शिव की गले की शोभा बढ़ाते हैं। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते हैं।