सीएम साय ने केंद्रीय वित्त आयोग से मांगी मदद, कहा- विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए धनराशि की हैं जरूरत

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय वित्त आयोग से छत्तीसगढ़ के लिए विशेष अनुदान की मांग की है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि साय ने छत्तीसगढ़ आए 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक में राज्य की विशेष परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को विशेष अनुदान देने का अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है, जो जनजातीय बहुल है. यह राज्य कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा और माओवाद प्रभावित है. लिहाजा, उसे विकसित राज्यों की बराबरी में लाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी. इस बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, राज्य सरकार के मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.

दुर्गम इलाकों में ज्यादा खर्च का दिया हवाला
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं. साथ ही माओवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में भी प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. लेकिन, इन क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अधोसंरचना विकास के कार्यों में अतिरिक्त व्यय भार आता है. नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली एवं पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं.

विकसित छत्तीसगढ़ का करेंगे निर्माण
साय ने कहा कि यदि केंद्रीय वित्त आयोग राज्य को अधिक वित्तीय सहायता की अनुशंसा करता है, तो निश्चित ही पिछड़े इलाकों में लोकहित के कार्यों को बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि देश तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन रहा है और इसके लिए छत्तीसगढ़ भी पूरी मेहनत से काम कर रहा है. विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण हम करेंगे.

इसलिए, अतिरिक्त धनराशि की है जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण रेल, सड़क, दूरसंचार, ऊर्जा, सिंचाई की परियोजनाओं की लागत और समय-सीमा में वृद्धि के कारण हमें अतिरिक्त व्यय भार वहन करना पड़ रहा है. खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरण को होने वाली क्षति और लोगों पर स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए हमें अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी पड़ रही है.

जीएसडीपी को दोगुना करने का है लक्ष्य
साय ने कहा कि 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29,539 करोड़ रुपये की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि 2023-24 में राज्य पांच लाख नौ हजार करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है. आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.