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मणिपुर में सेना की वर्दी में आए उग्रवादी, तलाशी अभियान के बहाने 3 लोगों को घर से निकालकर गोलियों से भूना

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मणिपुर में एक महीना पहले शुरू हुई जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को सेना की वर्दी में आए उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले में तलाशी के बहाने कुछ लोगों को घर से बाहर बुलाया. इसके बाद उन पर गोली बरसा दी गई. इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य घायल हो गए. घटना की सूचना मिलने पर जब सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे, तब तक उग्रवादी वहां से फरार हो गए.

Narendra Modi

घर से बाहर निकालकर पूछी गई पहचान

अधिकारियों के मुताबिक यह घटना इंफाल पश्चिम जिले की सीमा पर बसे गांव खोकेन में घटी. रात में सेना की वर्दी में आए उग्रवादियों (Manipur Violence Latest Updates) ने तलाशी के नाम पर कुछ लोगों को घर से बाहर निकाला. जब वे बाहर निकले तो पहले उनसे उनकी पहचान पूछी गई. इसके बाद उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी गईं. गोलियां चलने की आवाज सुनकर पास में पेट्रोलिंग कर रहे सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के जवान तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हुए लेकिन उनके वहां पर पहुंचने से पहले उग्रवादी हथियारों समेत वहां से भाग चुके थे.

हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा की मौत

असम राइफल्स के जवानों ने घटनास्थल से 3 शव बरामद किए, जबकि 2 लोग घायल मिले. उग्रवादियों (Manipur Violence Latest Updates) को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. सूत्रों के मुताबिक उग्रवादी मेइती समुदाय के माने जा रहे हैं. इस ताजा हिंसा के साथ ही राज्य में मरने वालों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है. वहीं 300 से ज्यादा लोग अब तक घायल हो चुके हैं. राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था की बहाली के लिए सुरक्षाबलों के करीब 10 हजार जवान तैनात किए गए हैं. इसके बावजूद हिंसा अब भी जारी है.

राज्य में 3 मई से चल रही है जातीय हिंसा

यह हिंसा (Manipur Violence Latest Updates) 3 मई को तब शुरू हुई, जब मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ कुकी और नागा लोगों ने पहाड़ी इलाकों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला था. उस दौरान कई घरों और गाड़ियों में आग लगा दी गई, साथ ही कई लोग मारे गए. हिंसा में मरने वाले मेइती और कुकी दोनों थे लेकिन आर्थिक नुकसान मेइती समुदाय के लोगों को ज्यादा झेलना पड़ा. इस मार्च के बाद पूरे राज्य में कुकी और मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी.

गृह मंत्री के निर्देश पर हिंसा की सीबीआई जांच

राज्य में शांति स्थापना के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश का 4 दिवसीय दौरा किया. इस दौरान वे राज्य में सभी प्रभावित समुदायों से मिले और शांति स्थापना की अपील की. उन्होंने घटना (Manipur Violence Latest Updates) की सीबीआई जांच की घोषणा भी की. सीबीआई ने अपने जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय को स्थानीय अधिकारियों के साथ तालमेल बनाने के लिए मणिपुर भेजा. उनके वहां से लौटने के बाद हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर लिया गया. राज्य में पिछले 24 घंटे में तलाशी अभियान में अब तक 57 हथियार, 23 बम और 1588 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं.