कर्नाटक में डेंगू के मामलों में वृद्धि के बीच जीका वायरस ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है. खबर के मुताबिक, शिवमोगा में जीका वायरस से संक्रमित 74 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि, मृतक बुजुर्ग व्यक्ति जीका वायरस सहित कई अंगों की विफलता से पीड़ित थे. शिवमोगा के गांधी नगर निवासी 74 वर्षीय व्यक्ति का पिछले दस दिनों से इलाज चल रहा था.जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग का पहले एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया था. उसके बाद उन्हें फिर मैकगैन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. बुजुर्ग को सर्दी, बुखार और खांसी के लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उनका जीका वायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया. अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को बुजुर्ग की मृत्यु हो गई. शिवमोगा जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) नटराज ने ईटीवी भारत प्रतिनिधि को फोन पर बताया, ‘कोई व्यक्ति सिर्फ जीका वायरस से नहीं मर सकता है. उन्होंने बताया की बुजुर्ग मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर से भी पीड़ित थे. मृतक का नाम उजागर नहीं किया गया है.
कैसे फैलता है जीका वायरस
जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है. यह बीमारी आमतौर पर व्यस्कों में हल्के से मध्यम स्तर की होती है. जानकारी के मुताबिक इस बीमारी के लिए किसी विशेष इलाज की आवश्यकता नहीं होती. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक जीका वायरस मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारी है. एडीज मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं. यह वायरस खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक होता है. वह इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान जीका वायर संक्रमण से शिशुओं में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात रोग होने के साथ-साथ समय से पहे जन्म या फिर गर्भपात भी हो सकता है.
जीका वायरस के लक्षण
वैसे तो जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देतेय जिन लोगों में लक्षण दिखाई भी देते हैं, उनमें ये लक्षण संक्रमण के 3 से 14 दिन बाद शुरू होते हैं और आम तौर पर हल्के होते हैं. इन लक्षणों में रैश, बुखार, आंखों का लाल होना (कंजंक्टिवाइटिस), मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, सिरदर्द शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक, जीका वायरस संक्रमण के लक्षण आमतौर पर 2 से लेकर 7 दिनों तक रहते हैं. ये लक्षण चिकनगुनिया, डेंगू बुखार और अन्य वायरल बीमारियों के समान होते हैं. जीका वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए मरीज को लैब टेस्ट कराना जरूरी है.
संक्रमण और उपचार
खबरों के मुताबिक, जीका वायरस संक्रमण या बीमारी के लिए कोई अलग से उपचार उपलब्ध नहीं है. संक्रमित मरीज को लक्षण दिखने पर भरपूर आराम करना चाहिए और तरल पानी पीना चाहिए. साथ ही डॉक्टर के पास जाकर उचित सलाह भी लेना भी आवश्यक है. अभी तक जीका वायरस संक्रमण की रोकथाम या इलाज के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. इसलिए लोगों को मच्छरों के काटने से बचना जरुरी है.





























