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शराब घोटाला मामले में निलंबित IAS अनिल टुटेजा को भी ले गई यूपी STF

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में यूपी पुलिस निलंबित आईएएस अनिल टुटेजा को प्रोडक्शन वारंट पर उत्तरप्रदेश ले जा रही है। यूपी पुलिस ने अनिल टुटेजा के प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। टुटेजा को पुलिस कल मेरठ कोर्ट में को पेश कर सकती है। नकली होलोग्राम मामले में अनिल टूटेजा के खिलाफ भी यूपी में केस दर्ज है। इससे पहले मामले में यूपी पुलिस ने अनवर ढेबर और पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी की गई है। वे दोनों फ़िलहाल जेल में बंद हैं।

Narendra Modi

सोमवार को होगी टुटेजा की पेशी

बताया जाता है कि, यूपी एसटीएफ सोमवार को टुटेजा को मेरठ कोर्ट में पेश करेगी। उनके साथ अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी पेश किया जाएगा। इससे पहले यूपी एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को 3 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद 1 जुलाई को मेरठ कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 15 जुलाई तक जेल भेजा था। नकली होलोग्राम मामले में 15 जुलाई को तीनों आरोपियों को एक साथ कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। जानकारों की मानें तो कोर्ट में सुनवाई के बाद टुटेजा को न्यायिक रिमांड पर भेजा जा सकता है। वहीं एपी और अनवर की भी ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ सकती है।

तीनों से एक साथ होगी पूछताछ

बीते दिनों यूपी एसटीएफ ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी से पूछताछ की थी। जिसमें एपी त्रिपाठी ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए थे। अब यूपी एसटीएफ की टीम तीनों आरोपियों को पुलिस रिमांड में लेने की कोशिश करेगी। जानकारों का कहना है कि, इन तीनों आरोपियों को एक साथ बैठकर पूछताछ की जाएगी। 12 दिन पहले यूपी एसटीएफ ने कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन ढेबर को शराब घोटाले में जमानत मिली थी। इसके बाद से ही ढेबर और निलंबित एमडी एपी त्रिपाठी यूपी एसटीएफ की कस्टडी में हैं।

बेनिफिशियरी थीं डिस्टलरी कंपनियां

इससे पहले यूपी एसटीएफ की पूछताछ में दोनों ने बताया है कि, इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। इनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं। दोनों आरोपियों ने यह भी बताया है कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलीरज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था