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एलन मस्क बदल सकते हैं ट्विटर यूजर्स की सत्यापन प्रक्रिया, ‘ब्लू टिक’ की जगह होगी कौनसी ‘ट्रिक’

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दुनिया के सबसे रईस एलन मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण के बाद उसमें व्यापक बदलाव शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि वे अगले कुछ दिनों में इस लोकप्रिय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के उपयोगकर्ताओं के सत्यापन की प्रक्रिया में भी बदलाव करेंगे।

Narendra Modi

एलन मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण प्रस्ताव के बाद इसके फर्जी खातों को लेकर आपत्ति जताई थी। इसके बाद ही उनका अधिग्रहण करार खटाई में पड़ गया था। ट्विटर का पिछला प्रबंधन फर्जी खातों की स्पष्ट संख्या नहीं बता रहा था। इस कारण उन्होंने करार तोड़ दिया था, हालांकि ट्विटर उनके खिलाफ कोर्ट गया और फिर मस्क को अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर पिछले सप्ताह इसका अधिग्रहण करना पड़ा।

ट्विटर की कमान अपने हाथ में आते ही मस्क ने सबसे इसके सीईओ पराग अग्रवाल समेत तमाम अधिकारियों की छुट्टी कर दी। कई अन्य कर्मचारियों की भी छंटनी हो सकती है। इसके बाद अन्य बदलाव भी शुरू किए गए हैं। ट्विटर की रीति नीति व कामकाज को लेकर रोज किस न किसी बदलाव की पुष्ट या अपुष्ट खबरें आ रही हैं।

दरअसल, ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क से यूजर्स के वैरिफिकेशन की नई प्रक्रिया के बारे में एक यूजर ने सवाल किया था। इसके जवाब में उन्होंने इसे नया रूप देने की बात स्वीकार की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया मौजूदा व पुराने पड़ चुके ‘ब्लू टिक’ की जगह क्या नई ‘ट्रिक’ अपनाई जाएगी। वर्तमान में ट्विटर के सत्यापित खाते वो होते हैं, जिनमें यूजर्स के नाम के नीचे ब्लू टिक लगा होता है।

टेक वेंचर कैपिटलिस्ट श्रीराम कृष्णन ने मस्क से इस बारे में पूछा था। कृष्णन ने कहा था, ‘यह बहुत महत्वपूर्ण कंपनी है और मैं मस्क को इसके पुनर्गठन में मदद के लिए तैयार हूं। ट्विटर का दुनिया पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और मस्क यह बदलाव ला सकते हैं।’

50% छटनी संभव
गेरबर कावासाकी वेल्थ एंड इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट के मुख्य कार्यकारी रॉस गेरबर ने बताया कि उन्हें मस्क के कर्मचारी जारेड बिर्चल से पता चला कि मस्क ट्विटर में 50 प्रतिशत लोगों की छंटनी करना चाहते हैं। गेरबर ने बताया कि उनकी फर्म ने मस्क के ट्विटर अधिग्रहण में 10 लाख डॉलर का निवेश किया है।

ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल सहित चारों शीर्ष अधिकारियों को नौकरी से निकाले जाने पर 2 से 6 करोड़ डॉलर का गोल्डन पैराशूट पैकेज दिया जाना है। लेकिन, मस्क यह लाभ नहीं देना चाहते। मस्क का मानना है कि इन सभी ने नौकरी के समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, इस वजह से इन्हें बिना किसी लाभ के बर्खास्त किया गया है, लिहाजा किसी भी ऐसे लाभ के हकदार नहीं, जो सामान्य परिस्थिति में नौकरी से निकाले जाने के समय दिए जाने थे।