रायपुर। आम आदमी के इस्तेमाल से ज्यादा प्रदेश की राजनीति में राजधानी रायपुर में बने स्कायवॉक का इस्तेमाल हो रहा है। अधूरा खड़े स्काइवॉक पर पूरी राजनीति जारी है। नया बवाल खड़ा हो गया है एक ज्ञापन से। अब कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर स्काइवॉक निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है। इस शिकायत में तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत पर सीधे आरोप लगाए गए हैं।
आरपी सिंह ने अपने ज्ञापन लिखा- भाजपा नेता और तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने अपने रसूख का प्रयोग करके स्काइवॉक का प्रोजेक्ट पास करवा दिया जिसकी कोई औचित्य या आवश्यकता ही नहीं थी। कायदे से 50 करोड़ से अधिक लागत के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को पब्लिक फंड इन्वेस्टमेंट कमेटी-PFIC से मंजूरी के बाद ही बनाया जा सकता है। 2017 के मार्च महीने में स्काइवॉक का यह प्रोजेक्ट 40 करोड़ 8 लाख का बनाकर स्वीकृत कराया गया ताकि PFIC से बचा जा सके। दिसम्बर 2017 में इसकी लागत बढ़ाकर 81 करोड़ 69 लाख रुपए कर दिया गया।
दम है तो जांच करवा लें कांग्रेस
अब इस पर जवाब देते हुए पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सरकार को स्काइवॉक की जांच की खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा, सरकार में दम है तो स्काइवॉक के निर्माण की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश से जांच करा ले। थोथी राजनीति ना करें ,उस पर निर्णय करें। उन्होंने कहा, चार साल से कांग्रेस की सरकार है, सभी अधिकारी वहीं हैं, सारी फाइलें वहीं हैंं। अब तक ये लोग क्या कर रहे थे। चार साल में ये इसका भी फैसला नहीं ले पाए कि इस निर्माण का करना क्या है। यह पूरा हो गया होता तो पैदल चलने वाले हजारो लोगों को फायदा होता। उन्होंने कहा, उन्हें पता है कि यह स्क्रिप्ट कहां से आई है, लेकिन भाजपा का कार्यकर्ता ऐसे आरोपों से डरने वाला नहीं है।