रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में काम कर चुके दो पूर्व अफसरशाहों को पनौती बताया है। उनका कहना था, उनकी वजह से ही अडानी समूह डूब रहा है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ से जो दो पनौती अडानी के पास गए हैं वे पहले जिसके साथ थे वे डूब गए। वे जबसे वहां गए हैं तो उनकी हालत देख लीजिए। उन्होंने पूर्व मंत्री राजेश मूणत की आय को लेकर भी बयान दिया।
कांग्रेस नेताओं पर ED के छापों से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, विनोद तिवारी के यहां छापा डालने का क्या औचित्य है? केवल इसलिए कि उसने रमन सिंह के खिलाफ शिकायत की थी। आरपी सिंह के यहां छापा डालने का क्या मतलब है, क्योंकि उसने अमन सिंह के खिलाफ शिकायत की थी। यह तो अडानी जी को समझना चाहिए कि जो दो पनौती गये हैं छत्तीसगढ़ से वे जिसके साथ थे वो डूबे थे।
अब जबसे वहां गये हैं देख लीजिए उसकी स्थिति क्या है ! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जैसे-जैसे चुनाव आएगा वैसे-वैसे केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय होंगी। अभी कर्नाटक में चुनाव है तो उस समय करेंगे। उसके बाद कोई नेता आएंगे तो फिर वे करेंगे। इनका प्रोग्राम बन चुका है कि कब-कब छापा डालना है। उसका माइलेज ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह तो उसके प्रवक्ता बने हुए हैं। राजेश मूणत प्रवक्ता बने हुआ है। जब वह छत्तीसगढ़ में आया तो उसके पास क्या था? एक पुराना प्रिंटिंग प्रेस और एक पुरानी मोटरसाइकिल! 15 साल मंत्री रहे, उसके पास इतना इनकम कहां से आ गया कि करोड़ों रुपया फूंके हैं अपने परिवार की शादी में। कहां से इतना पैसा आ गया। उसके यहां छापा क्यों नहीं डालते? जब आया था तो कितनी संपत्ति थी उसके पास यह पूरा रायपुर शहर जानता है। उसके बाद ऐसा कौन सा काम कर लिया कि इतनी आय बढ़ गई। रमन सिंह की संपत्ति मामले में भी विनोद तिवारी ने ठीक कहा, रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के जो पेपर विनोद के घर पड़े थे वह तो ED वाले ले ही नहीं गये।
ED छापों के खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी
राज्य सरकार ED के छापों के खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी है। बताया जा रहा है, पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर इसकी भूमिका तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मंगलवार को इसके संकेत दिये। उन्होंने कहा, ED लगातार परेशान कर रही है। लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ित पक्ष के द्वारा आवेदन दिया गया है। हमने केंद्र सरकार को भी अवगत कराया है। उसके बाद भी केंद्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अब हमारे पास न्यायालय में जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। इस मामले को न्यायालय तक ले जाएंगे।