हस्ताक्षर न्यूज. साइंस कॉलेज मैदान की दीवार से लगी आठ साल पुरानी चौपाटी (youth hub) को शनिवार, 22 नवम्बर को सुबह आमानाका शिफ्ट करने के दौरान भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय सहित कई नेता और व्यापारी पूरी रात धरने पर बैठे रहे और सुबह JCB-क्रेन के सामने लेट गए। पुलिस ने सुबह विकास समेत अन्य लोगों को उठाकर गाड़ी में डाला और विरोध को नाकाम कर दिया। इसके बाद नगर निगम के बुलडोजरों वाले अमले ने शिफ्टिंग शुरू कर दी।
चौपाटी को हटाने के ख़िलाफ़ विकास उपाध्याय, नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी और दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता व्यापारियों के साथ धरने पर बैठ गए थे। यह आरोप लगाया गया कि नगर निगम ने बिना कोई पूर्व नोटिस, बिना वैकल्पिक व्यवस्था और बिना व्यापारियों से बातचीत के अचानक चौपाटी हटाने का फैसला सुना दिया था। व्यापारियों का कहना है कि यहाँ 60-70 दुकानें हैं, अचानक हटाने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा। शनिवार सुबह जैसे ही नगर निगम की टीम JCB और क्रेन के साथ मौके पर पहुँची, माहौल गरमा गया। विकास उपाध्याय समेत कई नेता क्रेन के ठीक सामने लेट गए और कुछ नेता तो मशीन पर चढ़ गए। नारेबाजी शुरू हो गई। लेकिन अंत में पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हटा दिया।
पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने कहा कि चौपाटी का अवैध निर्माण किया गया और इसके नाम पर अब अवैध वसूली भी की जा रही है.



























