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दिवाली के सामने महंगाई भी हो गयी बेअसर और बेबस….monthly coloum of Nishchay Kumar…..Happy Diwali

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पूरी दुनिया में दिवाली एकमात्र ऐसा त्यौहार है जिसका सामना साल दर साल महंगाई से होते है। हिंदुस्तानियों का यह सबसे बड़ा पर्व है। राम भगवान के अयोध्या वापस लौटने के उपलक्ष्य में हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है।

भारत एक ऐसा देश है जो विविधताओं से भरा हुआ है। दिवाली इस विविधताओं से भरे देश के हर वर्ग, वर्ण और जाति के लोगों को आपस में जोड़ती है। लगभग संपूर्ण देश के लोग दिवाली में खरीदारी करते हैं। दिवाली में राज्य और केन्द्र की सरकार अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त बोनस केवल खरीदारी करने के लिए ही देती है। लोग इस अवसर पर धन की पूजा करते हैं, नए सामान खरीदते हैं। बाजार रौशन रहते हैं। लेकिन हर साल तेज रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है। ऐसा लगता है कि शायद दिवाली फीकी पड़ जाएगी लेकिन भारत के लोगों का दिवाली के प्रति इतना अधिक मोह है कि महंगाई बेबस और बेअसर हो जाती है।

इस साल जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर भारी भरकम टैरिफ लगाया तो ऐसा लगा कि महंगाई बड़ी तेज रप्तार से भगेगी। सोने के दाम अब तक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। महंगाई बेलगाम रफ्तार से दौड़ रही है। मई के पहले हफ्ते में भारत और पाकिस्तान के बीच दो दिन का युद्ध भी हुआ। अरबों रुपए दो दिन के युद्ध में खर्च हो गए। इसका असर भी महंगाई पर पड़ना लाजिमी है। मुंबई का स्टॉक एक्सचेंज यानी कि सेंसेक्स इस साल जितना ऊपर-नीचे हुआ है वो पिछले कई सालों में नहीं हुआ। लेकिन इसके बावजूद महंगाई बेअसर और बेबस ही इस दीवाली में नजर आई।

देशभर के तमाम छोटे-बड़े शहरों, गांव और कस्बों के छोटे से लेकर बड़े बाजार रौशन रहे। लोगों के चेहरों पर दिवाली ने खिलखिलाहट लाई…