ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले में भारत को 209 रनों से हरा दिया है. इस तरह टीम इंडिया को लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है. भारत के सामने जीत के लिए 444 रनों का लक्ष्य था, लेकिन पूरी टीम महज 234 रनों पर सिमट गई. इस तरह कंगारूओं ने पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल टाइटल अपने नाम किया. बहरहाल, हम नजर डालेंगे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय टीम की हार के कारणों पर…
पहली पारी में टीम इंडिया के गेंदबाजों की दिशाहीन गेंदबाजी
भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरूआत अच्छी नहीं रही. ऑस्ट्रेलिया के 3 बल्लेबाज 76 रनों तक पवैलियन लौट चुके थे, लेकिन इसके बाद ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने कंगारूओं को मुश्किल से निकाल लिया. दोनों खिलाड़ियों ने शानदार शतक बनाया. वहीं, इस दौरान भारतीय गेंदबाजों ने दिशाहीन गेंदबाजी का नजारा पेश किया. टीम इंडिया के गेंदबाजों के खिलाफ ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने आसानी से रन बनाए. इस तरह कंगारू टीम पहली पारी में 469 रनों तक पहुंचने में कामयाब रही.
भारतीय बल्लेबाजों ने किया निराश
ऑस्ट्रेलिया के 469 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम महज 296 रनों पर सिमट गई. रोहित शर्मा समेत टीम इंडिया के टॉप-ऑर्डर बल्लेबाजों ने निराश किया. पहली पारी में भारत के लिए महज अंजिक्य रहाणे और शार्दुल ठाकुर ने पचास रनों का आंकड़ा पार किया, लेकिन बाकी बल्लेबाज सस्ते में पवैलियन लौट गए. नतीजतन, भारतीय टीम पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से काफी पीछे रह गई.
क्या रवि अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं करना भूल थी?
रवि अश्विन को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया. जिसके बाद प्लेइंग इलेवन पर काफी सवाल उठे. रवि अश्विन को प्लेइंग इलेवन में नहीं शामिल करने पर कई दिग्गजों ने सवाल उठाए. दरअसल, इन दिग्गजों का मानना था कि उमेश यादव की जगह रवि अश्विन बेहतर विकल्प साबित हो सकते थे.
टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने पहली पारी की गलती से नहीं ली सीख…
भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए 444 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम के बल्लेबाज आसानी से विकेट गवांते रहे. भारत के दूसरी पारी में विराट कोहली ने 49 रन बनाए. जबकि अंजिक्य रहाणे ने 46 रनों का योगदान दिया. हालांकि, ओवल की पिच पर गेंदबाजों के लिए बहुत ज्यादा मदद नहीं थी, लेकिन कंगारू गेंदबाजों के अनुशासित गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज लगातार पवैलियन लौटते रहे.