समुद्र के नीचे सुरंग में भी होगी 320 की रफ्तार, रेल मंत्री ने दिया हाई स्पीड ट्रेन पर सबसे बड़ा अपडेट

0
85

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए महाराष्ट्र में देश की पहली 7 किमी लंबी समुद्री सुरंग समेत 21 किमी लंबी सुरंग का निर्माण शुरू हो चुका है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई में चल रहे बुलेट ट्रेन के काम का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने बताया कि 2026 तक सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है. इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है. बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और देश की पहली बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है. यह ट्रेन 21 किमी लंबी अंडरग्राउंड टनल से होकर मुंबई के अपने आखिरी स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक पहुंचेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई में चल रहे बुलेट ट्रेन के काम का जायजा लिया. साथ ही रेल मंत्री ने आज (23 फरवरी) मुंबई में बन रहे टनल के सेंटर प्वाइंट विक्रोली और आखिरी स्टेशन BKC का इंस्पेक्शन किया.

रेल मंत्री के मुताबिक देश में इतना लंबा यह पहला टनल होगा जो 21 किलोमीटर का होगा और उसमें 7 किलोमीटर की दूरी समंदर के अंदर से ही तय होगी. टनल का काम बेहद मुश्किल था. जमीन के नीचे की स्टडी करना कि मिट्टी और पत्थर किस तरह के हैं. इसके हिसाब से ही मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है. इस प्रोजेक्ट में तकनीक का अनोखा इस्तेमाल हुआ है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2026 तक सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है. इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है. बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे होगी.

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार, बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से दौड़ेगी. मुंबई-अहमदाबाद के बीच की दूरी केवल 2 घंटे 7 मिनट में तय होगी. अभी इन दो शहरों के बीच बस से सफर करने पर 9 घंटे और ट्रेन से 6 -7 घंटे का समय लगता है. बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शुरू होकर बुलेट ट्रेन (Bullet Train) आखिरी स्टेशन अहमदाबाद के साबरमती तक जाएगी.

यह गुजरात के आठ जिलों, महाराष्ट्र के तीन जिलों और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव से होकर गुजरेगी. बुलेट ट्रेन एक दर्जन स्टेशनों मुंबई-बीकेसी, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशनों पर रुकेगी.

जब यह ट्रेन मुंबई आयेगी तो 21 किमी का सफर अंडरग्राउंड टनल के जरिए तय करेगी. यह देश में अब तक की सबसे लंबी अंडरग्राउंड रेल टनल होगी. इस प्रॉजेक्ट का काम करने के लिए NHSRCL ने कई ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है जिनका भारत में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है. साल 2017 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन का शिलान्यास हुआ था. गुजरात में इसका काम बड़ी तेजी से चल रहा था, लेकिन महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार में इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया.

इस बुलेट ट्रेन में 12 स्टेशन होंगे, 350 kmph स्पीड होगी. मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर 2 घंटे में ही तय करेगी. 508 किमी के रूट में से 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र का होगा. बुलेट ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदियां पार करेगी, जिसमें 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे. शुरुआत 10 कोच वाली 35 बुलेट ट्रेनों से होगी.

नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( NHSRCL) के मुताबिक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे पुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स को जोड़कर 100 किमी तक वायडक्ट का निर्माण किया जा चुका है. वायडक्ट एक पुल जैसा स्ट्रक्चर होता है, जो दो पिलर्स को आपस में जोड़ता है. इस प्रोजेक्ट के तहत गुजरात की कई नदियों जैसे पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला) औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) पर पुल का निर्माण हो रहा है.

महाराष्ट्र से पहले गुजरात में पहली पहाड़ी सुरंग तोड़ने का काम भी पूरा हो चुका है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपये है. यह प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कहलाता है. स्पीड की बात करें तो अगर बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी तो 3 घंटे में 508 किमी का सफर पूरा करेगी. यानी एवरेज स्पीड 170 किमी/घंटा होगी. अगर 4 ही स्टेशनों मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वड़ोदरा पर रुकी तो दो घंटे में सफर पूरा कर लेगी. ऐसे में एवरेज स्पीड 254 किमी/घंटा होगी.

एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे. बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे. 2050 तक इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 105 करने का प्लान है. पहले बुलेट ट्रेन साल 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था. फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया. इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है.